Sunday Special: भारत के इस गांव में होती है दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश, गिनीज बुक में भी दर्ज है नाम, जानें कहां है ये स्थान

संडे स्पेशल स्टोरी (Sunday Special Strory) में हम बात दुनिया के एक ऐसे गांव के बारे में कर रहे हैं, जहां पर सबसे ज्यादा बारिश होती है। ये जगह कहीं और नहीं हमारे देश भारत में ही है। इस जगह को दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश वाला गांव बताया जाता है। जहां दुनिया की कई ऊंची इमारतें भी डूब सकती हैं। इसको लेकर कई फोटोग्राफर्स ने अपनी फोटो में इस गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाए हैं। प्राकृतिक रूप से तो ये है ही घुमने वाली जगह है, जहां लोग टूर के लिए जाते हैं। ये जगह भारत के पूर्वी राज्य मेघालय में बसे गांव मौसिनराम (Mawsynram in Meghalaya) में है।
मेघालय के मौसिनराम गांव का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है, यह दुनिया में सबसे ज्यादा नमी वाली जगह के तौर पर दर्ज है। बंगाल की खाड़ी के करीब होने की वजह से यहां पर काफी नमी है। साथ ही यहां हर साल कम से कम 11,871 मिमी बारिश होती है। यह बारिश इतनी ज्यादा है कि रियो डी जनेरियो में स्थित 30 मीटर ऊंचे स्टैच्यू ऑफ क्राइस्ट के घुटने भी डूब सकते हैं। इसके अलाव इसी राज्य में चेरापूंजी जगह भी है। यहां पर भी सबसे ज्यादा बारिश होती है। लगभग 15 किमी दूर मौसिनराम गांव है। कहते हैं साल 1985 में मौसिनराम में 26,000 मिमी बारिश हुई थी। जो अभी तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
मौसिनराम के अलावा चेरापूंजी भी बारिश के लिए बहुत प्रसिद्ध
चेरापूंजी में मासिनराम की तुलना में 100 मिमी कम बारिश होती है। इस तरह यह दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला गांव है। कहते हैं कि बारिश की वजह से यहां के गांव की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। चेरापूंजी के दो और भी नाम है, जिसमें सोहरा और चुर्रा लोगों के बीच प्रसिद्ध है। मेघालय की राजधानी शिलांग में बसी चेरापूंजी एक ऐसी जगह है, जो खासी हिल्स से घिरी हुई है। दरअसल, इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें, तो चेरापूंजी अभी भी इसमें पहले नंबर पर है। अगस्त 2014 में चेरापूंजी में 26,470 मिमी बारिश हुई, जो मौसिनराम से ज्यादा थी। लेकिन ये दोनों जगह एक ही तालुका में आती हैं। लेकिन मौसिनराम को दुनिया का सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह माना जाता है।
मेघालय में मासिनराम और चेरापूंजी के अलावा कोलंबिया में दो ऐसे गांव हैं, जहां पर सबसे ज्यादा बारिश होती है। लेकिन मौसम विज्ञानिकों का मानना है कि उस समय बारिश को मापने के लिए जिस पैमाने का इस्तेमाल किया जाता था, उसे अब खारिज कर दिया गया है। जिसकी वजह से मौसिनराम के नाम ही अभी तक का रिकॉर्ड दर्ज है। मौसिनराम और चेरापूंजी, जहां मौसम हमेशा आर्द्र रहता है, लोगों के कपड़े, भोजन और काम रेगिस्तान में रहने वालों से बिल्कुल अलग हैं। इन हिस्सों में लगातार बारिश होती रहती है। यहां खेती करना संभव नहीं है। इसलिए यहां सब कुछ दूसरे गांवों और शहरों से आता है। पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल जिले में ये गांव हैं, जहां पर हर साल बारिश का नया रिकॉर्ड बनाता है। साल 2019 में सबसे ज्यादा बारिश महाराष्ट्र के महाबलेश्व में रिकॉर्ड दर्ज हुई।
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