Sunday Special: डेल्टा-प्लस वेरिएंट क्या है, भारत में तेजी से बढ़ रहे मामले

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब कम हो गई है। प्रतिदिन कोरोना वायरस के देश में 50000 से कम मामले दर्ज किए जा रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस का नया वेरिएंट डेल्टा प्लस मुश्किलें बढ़ा रहा है। क्योंकि डेल्टा प्लस वेरिएंट के 12 राज्यों में मामले सामने आए हैं जोकि चिंता की बात है। खबरों की माने तो कहा जा रहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट देश में तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार ने देश के 8 राज्यों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वेरिएंट के लिये अलर्ट किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 8 राज्यों क्रमशः जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, गुजरात और हरियाणा, के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस को लेकर पूरी तैयारी करने को कहा है।
पत्र में लिखा गया है कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और वैक्सीनेशन की रफ्तार और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। जहां-जहां भी डेल्टा प्लस के केस मिलते हैं, वहां सख्त कंटेनमेंट के इंतजाम किए जाएं। इसमें कोताही न बरती जाए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शनिवार तक देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 52 केस सामने आ चुके हैं। अब तक कुल 12 राज्यों में इस वेरिएंट के केस पाए गए हैं। महाराष्ट्र में 22, मध्यप्रदेश में 8, केरल में 3, पंजाब में 2, गुजरात 2, तमिलनाडु में 9, आंध्र प्रदेश में 1, ओडिशा में 1, कर्नाटक में 1, राजस्थान में 1, जम्मू-कश्मीर में 1, हरियाणा में 1 केस की पुष्टि हुई है।
डेल्टा-प्लस वैरिएंट क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में मिले कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617.2 को ही डेल्टा नाम दिया है। B.1.617.2 में एक और म्यूटेशन K417N हुआ है। जो इससे पहले कोरोना वायरस के बीटा और गामा वेरिएंट्स में भी मिला था। नए म्यूटेशन के बाद बने वेरिएंट को डेल्टा प्लस वेरिएंट कहा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि K417N म्यूटेशन वाले ये वेरिएंट्स ओरिजिनल वायरस से ज्यादा इंफेक्शियस हैं। यह वायरस वैक्सीन और दवाओं के असर को कमजोर कर सकते हैं। दरअसल, B.1.617 लाइनेज से ही डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) निकला है। इसी लाइनेज के दो और वेरिएंट्स हैं- B.1.617.1 और B.1.617.3, जिनमें B.1.617.1 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की लिस्ट में रखा है और कप्पा नाम दिया है।
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