Sikh Riots: जमानत याचिका पर दोषी सज्जन कुमार को लगा झटका, जुलाई में होगा फिर विचार

सिख दंगों में दोषी करार सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार की याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें उन्होंने जमानत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जमानत याचिका पर जुलाई में विचार होगा।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में 1984 के सिख दंगों की सुनवाई हुई। इस दौरान दोषी सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुलाई में विचार किया जाएगा।
सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन्हें 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में पांच सिखों की हत्या करने और एक गुरुद्वारा को जलाने के लिए दोषी ठहराया गया था। इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि कुमार नरसंहार में शामिल थे और 1984 के दंगों में भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे। इस तरह जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस हृषिकेश रॉय को एम्स की रिपोर्ट पर रोक लगाते हुए कहा कि कुमार को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि, कुमार की नियमित जमानत याचिका पर जुलाई में विचार करेगी। सज्जन कुमार ने उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर के आदेश के बाद उन्हें 31 दिसंबर, 2018 को दिल्ली में ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
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