मनी लॉन्ड्रिंग केस: सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

मनी लॉन्ड्रिंग केस: सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जमानत याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक बहुत ही प्रारंभिक चरण है। हमारा हस्तक्षेप उचित नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एनसीपी नेता नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम 2002, (पीएमएलए- PMLA) मामले में नवाब मलिक द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने नवाब मलिक से जमानत के लिए निचली अदालत (Trial Court) का दरवाजा खटखटाने को कहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जमानत याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह एक बहुत ही प्रारंभिक चरण है। हमारा हस्तक्षेप उचित नहीं होगा। आप उपयुक्त अदालत में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं नवाब मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि होईकोर्ट ने टिप्पणी की थी और जांच की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसा कोई अवलोकन नहीं था।

प्रवर्तन निदेशालय ने 23 फरवरी 2022 को किया था गिरफ्तार

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इसी वर्ष 23 फरवरी को ईडी ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों से कथित रूप से जुड़े एक संपत्ति सौदे के मामले में कई घंटे की पूछताछ के बाद नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था। नवाब मलिक पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए-PMLA) के प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

ईडी मलिक के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है। ऐसे आरोप हैं कि मलिक ने दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी से संपत्ति को कथित तौर पर मौजूदा बाजार दर से कम कीमत पर खरीदा था। कुर्ला में एल बी एस मार्ग पर 2.80 एकड़ की एक प्रमुख संपत्ति सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मात्र 30 लाख में खरीदी गई थी। सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक थे।

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