Joshimath Sinking: जोशीमठ संकट पर सुप्रीम कोर्ट में कल सूचीबद्ध होगा मामला, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग

Joshimath Sinking: जोशीमठ संकट पर सुप्रीम कोर्ट में कल सूचीबद्ध होगा मामला, राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
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जोशीमठ संकट पर एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्पक्षेप की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए मंगलवार (10 जनवरी) को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।

जोशीमठ में जमीन खिसकने की वजह से हो रहे संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप का अनुरोध कर रहे एक याचिकाकर्ता के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील को जल्द ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से मंगलवार को जोशीमठ का उल्लेख करने को कहा है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश हुए परमेश्वर नाथ मिश्रा से ये बात कही है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता परमेश्वर नाथ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। जिस पर पीठ ने उन्हें प्रक्रिया का पालन करने और मंगलवार को फिर से उल्लेख करने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि मंगलवार को जब आपका मामला सूचीबद्ध किए जाने वाली सूची में हो, तब उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद फिर से इसका उल्लेख करें। अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तर्क दिया है कि बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण जोशीमठ में यह संकट आया है। सरस्वती ने सरकार से उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और हो रहे नुकसान की मांग भी की है।

याचिका में की गई मांग इस चुनौतीपूर्ण समय में जोशीमठ के रहवासियों को पूर्ण समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सूचना दी जाए। याचिका में कहा गया है कि मानव जीवन और उनके रहने वाले पर किसी भी विकास की जरूरत नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी होता है, तो उसे युद्ध स्तर पर तत्काल रोकना राज्य और केंद्र सरकार का दायित्व है। भारत के प्रसिद्ध तीर्थ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली का प्रवेश द्वार कहलाने वाला जोशीमठ भूमि अवतलन के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। जमीन धंसने की वजह से जोशीमठ धीरे-धीरे डूब रहा है। उन्होंने कहा कि घरों, सड़कों और खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं। वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि कई मकानों में दरारें भी आ गई हैं और कुछ तो जमीन में धंसते भी जा रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 600 घरों के परिवारों को तत्काल वहां से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है। जो घर वहां रहने के लिए असुरक्षित हैं।

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