मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किसी आरोपी की गिरफ्तारी गलत नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Money Laundering Act) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के द्वारा की गई गिरफ्तारी जब्ती और जांच की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट (SC) का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किसी आरोपी की गिरफ्तारी गलत नहीं है।
सूचना रिपोर्ट को एफआईआर के साथ नहीं जोड़ा जा सकता
इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि ईडी किसी आरोपी की गिरफ्तारी के समय इसके आधार का खुलासा करता है तो यह पर्याप्त है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सूचना रिपोर्ट को एफआईआर (FIR) के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। ईडी का ईसीआईआर (ECIR) एक आंतकरिक दस्तावेज है।
आरोपी को ईसीआईआर देना अनिवार्य नहीं
कोर्ट ने यह भी कहा है कि आरोपी को ईसीआईआर देना अनिवार्य नहीं है। आरोपी की गिरफ्तारी के दौरान ईडी के द्वारा और गिरफ्तारी के कारणों का खुलासा करना ही काफी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम, अनिल देशमुख और अन्य नेताओं की ओर से आईं लगभग 242 अपीलों पर अपना फैसला सुनाया है। इन सभी याचिकाओं में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों को चुनौती दी गई थी। बता दें कि जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच ने यह निर्णय सुनाया है।
इन्होंने कोर्ट में रखा पक्ष
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी समेत कई वरिष्ठ वकीलों ने पीएमएलए में संशोधनों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अदलात कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
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