सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, NEET-PG की काउंसलिंग के दौरान खाली रही सीटों का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, NEET-PG की काउंसलिंग के दौरान खाली रही सीटों का मामला
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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर एक भी सीट खाली है। तो उसे भरा जाना चाहिए और बर्बाद नहीं होने दिया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश में प्रोफेशनल डॉक्टरों (Doctor) की कमी का सामना करने को लेकर केंद्र सरकार को नीट पीजी (NEET-PG) की खाली पड़ी सीटों को लेकर फटकार लगाई और साथ ही केंद्र से जवाब मांगा है। इस साल 1450 पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल सीटें खाली होने पर कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा कि आप डॉक्टरों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं।

कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार और चिकित्सा परामर्श समिति से एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। जिसमें बताया गया है कि अतिरिक्त मॉप-अप काउंसलिंग राउंड आयोजित करके इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया। कोर्ट ने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि कि वह केंद्र से डॉक्टरों को उनके जीवन और भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए मुआवजा देने के लिए कहने पर विचार कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर एक भी सीट खाली है। तो उसे भरा जाना चाहिए और बर्बाद नहीं होने दिया जाना चाहिए। अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो हम आपके खिलाफ जीवन के साथ खेलने के लिए मुआवजे के आदेश पारित करेंगे। यह डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा मामला है।

जानकारी के लिए बता दें कि 7 डॉक्टरों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की है। जिसमें नीट-पीजी 2021-22 के लिए अंतिम मॉप-अप काउंसलिंग राउंड 7 मई को समाप्त होने के बाद खाली पड़ी 1456 मेडिकल पीजी सीटों के लिए काउंसलिंग की मांग याचिका में की गई है। कोर्ट ने कहा कि हर बार कोर्ट को दखल देना पड़ता है। आप कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हैं। यह डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। आपको पता है कि देश में डॉक्टरों की कमी है।

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