Lakshadweep MP Faizal: SC ने केरल HC का आदेश किया रद्द, लक्षद्वीप के सांसद फैजल की सजा पर लगाई थी रोक

Lakshadweep MP Faizal: SC ने केरल HC का आदेश किया रद्द, लक्षद्वीप के सांसद फैजल की सजा पर लगाई थी रोक
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Lakshadweep MP Faizal: लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केरल हाई कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगा दी थी, इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।

Lakshadweep MP Faizal: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार यानी आज लक्षद्वीप के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल (Mohammed Faizal) की दोषसिद्धि और सजा को रद्द करने के केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) के फैसले को रद्द कर दिया और मामले को छह सप्ताह में नए फैसले के लिए वापस हाई कोर्ट में ही भेज दिया है। मोहम्मद फैजल पर हत्या के प्रयास के आरोप में दोषी पाए गए थे। जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयां की पीठ ने सांसद को अयोग्य ठहराए जाने से बचाया और कहा कि पहले का आदेश केवल हफ्ते तक ही लागू रहेगा।

हाई कोर्ट को 6 हफ्ते की अवधि के दौरान ही लक्षद्वीप प्रशासन की याचिका पर नए सिरे से फैसला करना होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मामले में लोकसभा सांसद की दोषसिद्धि और सजा को रद्द करने में हाई कोर्ट ने थोड़ी जल्दबाजी से फैसला किया है। उसका दृष्टिकोण इस मामले में बिल्कुल गलत था।

सांसद पर क्या हैं आरोप

11 जनवरी, 2023 को, फैजल और तीन अन्य को केंद्रीय मंत्री सईद के दामाद मोहम्मद सलीह की हत्या के प्रयास के लिए लक्षद्वीप के कावारत्ती की एक कोर्ट ने 10 साल के जेल की सजा सुनाई और सभी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैजल ने कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, हाई कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि और सजा को रद्द कर दिया था।

केरल हाई कोर्ट ने कहा था वह निचली अदालत के आदेश को रद्द कर रहा है और अपील के निपटारा होने तक सांसद फैजल की दोषसिद्धि और सजा को रद्द कर रहा है। साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उनकी सीट पर दोबारा से चुनाव होगा, जिससे सरकार पर पैसों का भार बढ़ेगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सांसद की चली गई थी सांसदी

एनसीपी (NCP) के नेता और लक्षद्वीप के सांसद मोहम्‍मद फैजल को मामले में दोषी पाए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद सांसदी छीन गई थी। हालांकि, केरल हाई कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी, जिससे उनकी सांसदी उन्हें वापस मिल गई थी। साथ ही, उनके खिलाफ लक्षद्वीप प्रशासन (Lakshadweep Administration) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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