Gyanvapi Mosque: शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर लगी रोक, मुस्लिम पक्ष खुश

Gyanvapi Mosque: शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर लगी रोक, मुस्लिम पक्ष खुश
X
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque) के भीतर शिवलिंग (Shivling) के कार्बन डेटिंग की अनुमति दी थी। पढ़िये विस्तार से...

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Mosque) के अंदर पाए गए शिवलिंग (Shivling) के कार्बन डेटिंग की अनुमति दी गई थी। यह आदेश ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की एक अपील पर पारित किया गया है। यह अपील गुरुवार को मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) से कहा कि मामले की अगली सुनवाई तक ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के अंदर एक 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग न कराएं। कोर्ट ने कहा कि एचसी के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। हिंदू पक्ष कोर्ट मे पहले ही कैविएट लगा चुका है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने का आदेश दिया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह कथित शिवलिंग कितने साल पुराना है। साथ ही, कोर्ट ने कहा था कि यह कार्बन डेटिंग कोर्ट की ही निगरानी में ही की जाएगी।

Also Read: Gyanvapi Case: शिवलिंग की होगी कार्बन डेटिंग, हिन्दू पक्ष में खुशी की लहर

ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Mosque Case) में मुस्लिम पक्ष के हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा है कि हाई कोर्ट के कार्बन डेटिंग के आदेश के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट में अहमदी ने कहा कि कार्बन डेटिंग 22 तारीख यानि सोमवार से शुरू हो सकती है। ऐसे में इस पर रोक लगाए जाने की जरूरत है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने रिपोर्ट दी है कि इसमें जगह को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचेगी। इस पर मुख्य न्यायधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हम भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से रिपोर्ट ले सकते हैं। हालांकि, इस पर सरकार को भी विचार करने दीजिए।

Tags

Next Story