सुप्रीम कोर्ट का भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त फैसला, परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर भी हो सकती है सजा

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रिश्वत और भ्रष्टाचार के मामलों पर चिंता जताते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी पर रिश्वत या भ्रष्टाचार को लेकर सीधा सबूत नहीं मिलता तो भी परिस्थितिनुसार सबूतों से यह साबित होता है कि आरोपी अफसर ने रिश्वत की रकम मांगी और ली है, तो उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि भ्रष्ट लोक सेवकों के प्रति अदालतों को उदारता नहीं दिखानी चाहिए। भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए ईमानदार प्रयास किए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के मामले में संबंधित अधिकारी के खिलाफ ठोस सबूत नहीं मिलते तो भी परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी उसे दोषी ठहराया जा सकता है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने आगे कहा कि अगर किसी शिकायतकर्ता की मौत हो जाती है या किसी कारण से वो आरोपी लोकसेवक के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाता तो कोई अन्य गवाह की मौखिक या दस्तावेजी सबूत को स्वीकार करके या परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आरोपी लोकसेवक के खिलाफ मामला सिद्ध किया जा सकता है।
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