Agneepath Scheme: सुप्रीम कोर्ट का 'अग्निपथ' योजना पर बड़ा फैसला, अब दिल्ली हाईकोर्ट सुनेगी 'अग्निवीरों' से जुड़ी सभी याचिकाएं

Agneepath Scheme: सुप्रीम कोर्ट का अग्निपथ योजना पर बड़ा फैसला, अब दिल्ली हाईकोर्ट सुनेगी  अग्निवीरों से जुड़ी सभी याचिकाएं
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सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद अग्निपथ योजना से जुड़ी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। पढ़िये यह रिपोर्ट...

Petition Against Agneepath Scheme: केंद्र सरकार की सेना में नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अग्निपथ योजना से जुड़ी याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्रांसफर कर दिया है। अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गई थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अग्निपथ योजना के खिलाफ लगाई गई अर्जी में कहा गया है कि इस योजना पर फिलहाल रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि जो सेना की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं, उन पर यह योजना लागू नहीं की जानी चाहिए।

केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में 21 जून को कैविएट अर्जी दाखिल की गई थी कि अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश देने से पहले सरकार का पक्ष भी सुना जाना चाहिए। आज सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।

बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। यहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों और बसों में तोड़फोड़, आगजनी करने के साथ ही सरकारी व सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। करीब तीन से चार दिन चली हिंसा थम गई। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। वायुसेना ने 24 जून और नौसेना में 25 जून से भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी थी और थलसेना में यह प्रक्रिया एक जुलाई से शुरू हो गई। यह भर्ती चार सालों के लिए होगी। इसके बाद परफॉर्मेंस के आधार पर 25 फीसदी कर्मियों को वापस से रेगुलर कैडर के लिए नामांकित किया जाएगा।

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