यूजीसी द्वारा जारी परिपत्र पर सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

कोरोना महामारी के चलते विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी ने 6 जुलाई को नया परिपत्र जारी किया जिसमें यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि 30 सितंबर से पहले सभी परीक्षाओं का आयोजन किया जाना चाहिए।
जिसका देश के विभिन्न भागों से आये कुछ छात्रों ने विरोध किया। इसके खिलाफ 31 छात्रों ने याचिका लगाई थी। ये 31 छात्र देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से जुडे हुए हैं। इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सोमवार के दिन 27 जुलाई को होगी।
कोरोना महामारी के लगातार बढते मामले को देखकर छात्रों ने परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट अंतिम परीक्षाओं के आयोजन को लेकर सुनवाई करेगा। कि परीक्षाओं का आयोजन करवाया जाये या रद्द किया जाये। इस मामले को लेकर न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता में एक पीठ का गठन किया गया है।
अंतिम परीक्षाओं को लेकर छात्रों की यह मांग है कि परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाये। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित आंन्तरिक मूल्यांकन प्रक्रिया और पूर्व रिकाॅर्ड के आधार पर परिणाम जारी कर दिया जाना चाहिए।
देश के विभिन्न भागों से आये छात्रों ने यह अनुरोध किया है कि 31 जुलाई से पहले अंकतालिका जारी होना चाहिए।
उन छात्रों ने यूजीसी से अनुरोध किया है कि सीबीएसई के लिए जो पैटर्न उपयोग किया गया है उसी को विश्वविद्यालयों के लिए कर दिया जाये । जो छात्र प्राप्त अंकों से खुश नहीं हैं उनको कोरोना सामान्य होने पर परीक्षा का आयोजन किया जाना होगा।
यूजीसी ने परीक्षाओं के आयोजन को लेकर सभी विश्वविद्यालयों से सम्पर्क किया है। इनमें कुछ निजी विश्वविद्यालय हैं और कुछ डीम्ड विश्वविद्यालय हैं । कुल 51 केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैं। और 355 राज्य विश्वविद्यालयों से परीक्षा आयोजन को लेकर बातचीत हुई है। किसी विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं का आयोजन कर लिया है और कुछ परीक्षा आयोजन को लेकर तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा आयोजन के लिए कोई भी पैटर्न उपयोग किया जा सकता है।
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