'राम सेतु' को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट अब अगले माह करेगा याचिका पर सुनवाई

राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट अब अगले माह करेगा याचिका पर सुनवाई
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भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट अब अगले माह सुनवाई करेगा।

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है और उनके अनुरोध को ठुकरा दिया है। कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि राम सेतु याचिका पर फरवरी के दूसरे सप्ताह में विचार करेगा। लेकिन पहले सप्ताह तक केंद्र को हलफनामा दायर करना होगा।

कोर्ट ने कहा कि आज सुनवाई होने की संभावना नहीं

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि राम सेतु मामले की आज सुनवाई होने की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि संविधान पीठ की सुनवाई अभी चल रही है। स्वामी ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दाखिल करने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने नहीं किया। ऐसे में कैबिनेट सचिव को कोर्ट में तलब किया जाना चाहिए। स्वामी ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जवाब 12 दिसंबर तक दाखिल किया जाएगा।

सॉलिसिटर जनरल ने मांगा समय

स्वामी ने कहा कि पहले ही उन्होंने कहा था कि यह तैयार है। तुषार मेहता ने कहा कि मामला विचारधीन है और इस पर विचार-विमर्श सरकार की ओर से चल रहा है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया था कि मामले को फरवरी के पहले सप्ताह तक स्थगित किया जाए। राम सेतु तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच चूने के पत्थरों की चट्टानों से बना है। इस राम सेतु को आदम का पुल भी कहा जाता है।

क्या बोले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम ने कहा था कि वह राम सेतु मुकदमे का पहला दौर जीत चुके हैं। जिसमें केंद्र सरकार ने राम सेतु की मौजूदगी को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा कि इस मामले से संबंधित केंद्रीय मंत्री ने उनकी मांग पर विचार-विमर्श करने के लिए 2017 में बैठक बुलाई थी। लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। भाजपा नेता ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पहले कार्यकाल में शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम पोत मार्ग परियोजना के खिलाफ अपनी याचिका दायर की थी। उनका मुद्दा राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का था। मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा और 2007 में राम सेतु पर चल रही परियोजना के काम को रोक दिया। उस समय केंद्र ने कहा था कि रामसेतु परियोजना के सामाजिक-आर्थिक और नुकसान पर विचार-विमर्श किया है। वह राम सेतु को बिना क्षति पहुंचाए पोत मार्ग परियोजना का दूसरा मार्ग खोजना चाहती है। तब कोर्ट ने केंद्र को नया हलफनामा दाखिल करने का आदेश जारी किया था।

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