झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट से सुप्रीम राहत, पढ़ें अवैध खनन मामले में क्यों याचिका की खारिज

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोर्ट से सुप्रीम राहत, पढ़ें अवैध खनन मामले में क्यों याचिका की खारिज
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए बड़ी राहत दी है।

अवैध खनन मामले (illegal mining case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के आदेश को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) को बड़ी राहत दे दी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राहत और झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। जिसमें कथित तौर पर सोरेन और उनके सहयोगियों से संबंधित शेल कंपनियों के संबंध में एक जनहित याचिका यानी पीआईएल को स्वीकार किया गया था। कोर्ट ने कहा कि खनन पट्टा मामले की जांच से जुड़ी जनहित याचिकाएं सुनवाई योग्य हैं।


कोर्ट का आदेश आने के बाद हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर सत्यमेव जयते लिखा है। सोरेन साल 2021 में कार्यभार संभालने के दौरान खुद को खनन पट्टा देने की बीजेपी की शिकायत पर अयोग्य घोषित किए गए। इसके बाद चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को सोरेन के खिलाफ एक्शन लेने की सिफारिश की। लेकिन अभी भी ये मामला लटका हुआ है।


क्या है अवैध खनन मामला

प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले जुलाई में छापेमारी और पंकज मिश्रा के बैंक खातों से 11.88 करोड़ रुपये की जब्ती के बाद मामले में सीएम के सहयोगी मिश्रा और दो अन्य को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने दावा किया कि मिश्रा के घर से बेहिसाब नकदी में 5.34 करोड़ मिले हैं। तीन महीने पहले ईडी ने सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद से भी पूछताछ की थी।

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