चिंतन शिविर में PM मोदी ने कई अधिकारियों को बताया नक्सली, कहा- इनका समाधान निकालना जरूरी

हरियाणा (Haryana) के सूरजकुंड में चल रहे सभी राज्यों के गृह मंत्रियों (State Home Ministers) का दो दिवसीय 'चिंतन शिविर' (Chintan Shivir) का आज आखिरी दिन हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के सभी राज्यों के गृह सचिवों, डीजीपी, सशस्त्र बल बलों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश की सुरक्षा व्यवस्था (Security System) को और मजबूत करने का आग्रह किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कलमवाले कुछ लोगों को भी नक्सली बताया और कहा कि इन सभी का कोई न कोई समाधान निकालना होगा। वही प्रधानमंत्री मोदी कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की बेहतरी के लिए सभी राज्यों को मिलकर काम करना चाहिए। यह देशवासियों के प्रति राज्यों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हर राज्य को एक दूसरे से सीख और प्रेरणा लेनी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि यूएपीए जैसे कानूनों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने सभी राज्यों को पुलिस के लिए 'वन नेशन, वन यूनिफॉर्म' लाने पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, हो सकता हैं इसमें 5 से 50 लगे, लेकिन हमें इस पर विचार करना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बीच त्योहारों के दौरान देश की एकता को मजबूत करना आपकी तैयारियों का प्रतिबिंब है।
कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी जुड़ी है। पीएम ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, उन्हें दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है, इसलिए यह हर राज्य की जिम्मेदारी बनती है कि चाहे वह राज्य की एजेंसी हो, चाहे वह केंद्रीय एजेंसी हो, सभी एजेंसियां को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।
वही पीएम मोदी ने कहा कि हम अमृतकल में हैं और इस दौरान हमें 'पंच प्राणों' के संकल्प का पालन करना है, तभी हम अमृतकल के अपने सपने को मजबूत कर पाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि, 'आजादी का अमृत हमारे सामने है। आने वाले 25 साल देश में अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। यह अमृत पीढ़ी 'पंच प्राणों' के संकल्पों को आत्मसात करके बनाई जाएगी। जीवन की तरह नागरिक कर्तव्य का पालन करना होगा।
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