Tamil Nadu: मंत्री सेंथिल बालाजी को ED ने किया गिरफ्तार, फूट-फूटकर लगे रोने

Tamil Nadu: मंत्री सेंथिल बालाजी को ED ने किया गिरफ्तार, फूट-फूटकर लगे रोने
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तमिलनाडु (Tamilnadu) के आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) को ईडी (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान सेंथिल फूट-फूटकर रोने लगे। इसके बाद उन्हेें 14 दिनों की ज्यूडिशियल रिमांड (Judicial Remand) पर भेज दिया गया।

Tamilnadu Job Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तमिलनाडु (Tamilnadu) के बिजली और आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी (V Senthil Balaji) को गिरफ्तार किया। मंत्री से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत नौकरी घोटाले को लेकर पूछताछ की गई और उनके कई ठिकानों पर तलाशी ली गई। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए मंत्री

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी मंगलवार से सेंथिल बालाजी के आवास पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी करीब 24 घंटे तक चली और उनसे पूछताछ भी की गई। इसके बाद बुधवार लगभग 1.30 बजे मंत्री को सूचित किया कि उन्हें ईडी द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा। अपनी गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया।

ईडी जब सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार कर अस्पताल ले जा रही थी, तब उन्हें एंबुलेंस में खूब रोते हुए देखा गया। इस दौरान उनके समर्थकों ने ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उनकी गिरफ्तारी के बाद सेंथिल बालाजी की पत्नी मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) पहुंच गई और याचिका दर्ज कराई। वहां जस्टिस निशा बानू (Justice Nisha Banu) और जस्टिस भारत चक्रवर्ती (Justice Bharat Chakraborty) की पीठ ने इस मसले पर सुनवाई की और सेंथिल को 14 दिनों के ज्यूडिशियल रिमांड (Judicial Remand) पर भेज दिया है।

मामला साल 2014 में हुए नौकरी घोटाले का

मामला 2014 के नवंबर महीने का है, जब तमिलनाडु महानगर परिवहन निगम (Tamilnadu Metropolitan Transport Corporation) ने 5 अलग-अलग विज्ञापनों के माध्यम से भर्ती अभियान की घोषणा की थी। उन्होंने 746 ड्राइवरों, 610 कंडक्टरों, 261 जूनियर ट्रेडमैन, 13 जूनियर इंजीनियरों और 40 सहायक इंजीनियरों के पदों के लिए विज्ञापन के माध्यम से वैकेंसी निकाली थी। इसके बाद इन भर्ती विज्ञापनों से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए।

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दो व्यक्तियों ने की थी रिश्वतखोरी की शिकायत

बता दें कि देवसगयम नाम के एक व्यक्ति ने अक्टूबर 2015 में पहली शिकायत दर्ज कराई कि उसने राज्य परिवहन निगम में अपने बेटे को नौकरी दिलाने के लिए एक कंडक्टर पलानी को 2 लाख 60 हजार रुपये दिए थे। उसके बेटे को कभी नौकरी नहीं मिली। इसके बाद मार्च 2016 में एक दूसरे व्यक्ति गोपी ने भी इस तरह की शिकायत दर्ज कराई। गोपी ने आरोप लगाया कि उसने कंडक्टर की नौकरी के लिए दो व्यक्तियों को 2 लाख 40 हजार रुपये दिए थे, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली। ये दोनों मामले मंत्री सेंथिल बालाजी से जुड़े हुए थे।

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