इन देशों में बैन है तीन तलाक

लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बनाने वाला बिल पास हो गया है। राज्यसभा में चर्चा के बाद वोटिंग के जरिए तीन तलाक बिल पास कर दिया गया है। तीन तलाक बिल के पक्ष में 99 और बिरोध में 84 वोट पड़े हैं। शुक्रवार यानी 26 जुलाई को लोकसभा में तीन तलाक बिल पास हो चुका है, इस बिल के पक्ष में पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े थे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया था।
इसके बाद तीन तलाक बिल लोकसभा में पारित होने के बाद राज्य सभा में अटक गया था। लेकन अब लोकसभा चुनावों तीसरी बार तीन तलाक बिल पारित हुआ और 26 जुलाई को पास भी हो गया। इसके ठीक पांच दिन बाद यह बिल लोकसभा में भी पास हो गया है। अब यह बिल मंजूरी के लिए देश के राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। भारत में तीन तलाक मुक्त होती ही पुरुष द्वारा महिला को तीन तलाक देने पर तीन साल की सजा सुनाई जाएगी। तो चलिए महिला और के इस खुशी के मौके पर जानते हैं दुनिया के किन-किन देशों में तीन तलाक बैन हैं।
दुनिया के इन देशों में तीन तलाक है बैन..
जानकारी के लिए आपको बताते चले कि लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान समेत दुनियाभर के 22 देशों में तीन तलाक बैन है। पाकिस्तान ने 1965 यानी 63 साल पहले ही तीन तलाक पर तीन तलाक बैन कर दिया था।
मिस्र
मिस्र दुनिया का पहला देश है जिसने तीन तलाक पद्धति में बदलाव किया था। मिस्र ने यह बदलाव 1929 किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुातबिक मिस्र ने तीन तलाक में बदलाव 13वीं सदी के इस्लामिक 'विद्वान इब्न तयमियाह' द्वारा की गई कुरान (हदीस) की व्याख्या के आधार पर किया था। लेकिन इस देश में तलाक देने के कुछ नियम है, जिनके अनुसार पुरुष महिला को तलाक दे सकता है। यहां पर तीन चरणों में तीन तलाक दी जाती है, यहां महिला को पहले के बाद 90 दिन का इंतजार समय है।
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने अपने देश में 63 साल पहले ही तलाक को बैन कर दिया था। बताया जाता है कि 1956 में तीन तलाक को खत्म करने के लिए कमेटी की सिफारिशों के आधार पर निमय बनाए गए थे। इस दिश में महिला के तीन तलाक देने के नियम है। पाकिस्तान में नियम है कि जो शख्स महिला को तीन तालक देना चाहेगा वह सरकार संस्था चेयरमैन ऑफ यूनियन कौंसिल के पास नोटिस देगा। यह संस्था तीस दिनों में पति-पत्नी के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने की कोशिश करेगा। अगर तीन महीने में कोई सुलह नहीं होता है तो तलाक माना जाता है।
श्रीलंका
वैसे तो श्रीलंका एक मुस्लिम बहुल देश नहीं है। लेकिन इस देश में मुस्लिम विद्वानों ने यहां के तीन तलाक देने के कानून को बहुत अच्छा माना है। इस देश के नियम के मुताबिक कोई पति पत्नी को देना चाहता है तो उसे मुस्लिम जज काज़ी को नोटिस देना होता है। इसके बाद जज पति पत्नी के बीच चल रहे मतभेज को उनके परिवार से मिलकर सुझाने का प्रयास करता है। इसके बाद भी सहमति नहीं बनती है तो पति 30 दिन के बाद अपनी पत्नी को तीन तलाक दे सकता है। लेकिन तलाक मुस्लिम जज और दो गवाहों की उपस्थिति में होगा।
इराक
बता दे कि इराक दुनिया का पहला अरब देश बना था। यह 1959 में बना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इराक ने शरिया कोर्ट के कानूनों को सरकारी कोर्ट के कानूनों के साथ बदल दिया था। इस देश में पति अगर एक बार में तीन तलाक बोल देता है तो तलाक माना जाता है। पर कुछ नियम भी दिए गए हैं। यहां के नियम के अनुसार माना गया है कि पति और पत्नी को तलाक लेने का पूरा हक है। यहां पर कोर्ट पति और पत्नी के बीच चल रहे मतभेदों की जांच कर। कोर्ट पति पत्नी के बीच चल रहे मतभेदों को सुलझाने के लिए दो लोगों की न्यूक्ति करता है। कोर्ट खुद भी मध्यस्थता कर सकती है। अदालत इसके बाद फैसला लेती है।
ट्यूनीशिया
तलाक को लेकर नॉर्थ अफ़्रीका के देश ट्यूनीशिया में कानून बनाया गया था। बताया गया है कि इस देश यह कानून 1956 में बना था। लेकिन इस देश में भी तलाक देने के नियम हैं। इस देश के कानून के अनुसार कोई भी पति या पत्नी बिना जज से सलाह किए एकतरफा तलाक नहीं दे सकता है। इस देश में शादी राज्य और न्यायपालिका के अंतर्गत आती है। सुलह-समझौते को लेकर कोर्ट के प्रयास को स्वीकार करना होता है।
सीरिया
सीरिया देश में तीन तलाक को लेकर 1953 में कानून बनाया गया था। इस देश में लगभग 74 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं। लेकिन इस देश में भी तलाक को लेकर कुछ नियम हैं। जैसे- इस देश में पर्सनल स्टेटस लॉ के आर्टिकल 92 के अनुसार पति चाहे पत्नी को कितनी भी बार तलाक बोल दे लेकिन एक बार ही तलाक माना जाता है। यहां पर जज के सामने की तलाक को बैध माना जाता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इन देशों के अलावा दुनिया के कतर, यूएई, ब्रुनेई, इरान, मोरक्को, अल्जीरिया, साइप्रस और जॉर्डन देशों पर भी तीन तलाक को लेकर अलग-अलग कानून बनाए गए हैं।
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