आंध्र प्रदेश: गुंटूर में जिन्ना टॉवर पर तिरंगा फहराया गया, बीजेपी-वाईएसआरसीपी में जारी है घमासान

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की गृह मंत्री मेखाथोटि सुचरिता (Home Minister Mekathoti Sucharita) ने आज गुंटूर में जिन्ना टॉवर (Jinnah Tower) पर भारतीय तिरंगा (Indian tricolor) फहराया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय वाईएसआरसीपी विधायक मोहम्मद मुस्तफा, गुंटूर के मेयर केएसएन मनोहर नायडू और विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और भारत और आंध्र प्रदेश राज्य की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की ओर से गुंटूर में जिन्ना टॉवर पर तिरंगा फहराया गया है। हिंदू और मुसलमान यहां बहुत शांति से रह रहे हैं। हम यह संदेश देने के लिए कर रहे हैं कि हम सभी एकजुट हैं। भाजपा इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से उठाने की कोशिश कर रही थी।
Andhra Pradesh: YSR Congress Party to hoist Tricolour at Jinnah Tower in Guntur
— ANI (@ANI) February 3, 2022
Guntur East MLA Md Mustafa says,"Hindus&Muslims have been living very peacefully here. We are doing it to send a message that we all stand united. BJP was trying to rake up this issue unnecessarily." pic.twitter.com/l0Vpipo9OF
वहीं गुंटूर के मेयर कवती मनोहर नायडू ने कहा कि जिन्ना टावर के नाम में कुछ भी गलत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए आलोचना कर रही है।
There is nothing wrong with the name of Jinnah Tower. BJP is only making criticism to gain political mileage: Guntur Mayor Kavati Manohar Naidu pic.twitter.com/mxqvieWJha
— ANI (@ANI) February 3, 2022
बता दें, जिन्ना टॉवर सेंटर गुंटूर में सबसे प्रमुख मील का पत्थर है और महात्मा गांधी रोड पर स्थित है। जिन्ना टावर को लेकर बीजेपी और सत्तारुढ़ वाईएसआरसीपी सरकार में पिछले एक महीने से सियासी घमासान मचा हुआ है।
बीजेपी ने की जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग
30 दिसंबर 2021 को भाजपा के राष्ट्रीय सचिव वाई सत्य कुमार ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जिन्ना टॉवर सेंटर का नाम बदलने का आह्वान करते हुए एक ट्वीट किया था। वाई सत्य कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि टॉवर का नाम जिन्ना और क्षेत्र का नाम जिन्ना सेंटर के नाम पर रखा गया है।
विडंबना यह है कि यह पाकिस्तान में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के गुंटूर शहर में है। एक ऐसा केंद्र जो आज भी भारत के गद्दार का नाम लेता है। इसका नाम डॉ कलाम या मिट्टी के पुत्र, एक महान दलित कवि गुर्रम जशुवा के नाम पर क्यों नहीं रखा जाना चाहिए? यह एक विचार है!
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