Cash-For-Query-Row: महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की एथिक्स कमेटी पर किया कटाक्ष, बताया कंगारू कोर्ट

Cash-For-Query-Row: महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की एथिक्स कमेटी पर किया कटाक्ष, बताया कंगारू कोर्ट
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Cash-For-Query-Row: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की एथिक्स कमेटी की तुलना कंगारू कोर्ट से की है। उन्होंने कहा कि कमेटी के पास इस तरह के अधिकार नहीं है कि वह निष्काषन का फैसला सुनाएं।

Cash-For-Query-Row: तृणमूल कांग्रेस की नेता और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने कैश फॉर क्वेरी मामले में अब सीधे तौर पर संसद की एथिक्स कमेटी पर हमला किया है। सांसद मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि मामले की जांच करने वाली लोकसभा की एथिक्स कमेटी किसी कंगारू कोर्ट से कम नहीं है। उनका ट्वीट एथिक्स कमेटी द्वारा कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उन्हें सदन से निष्कासित करने की सिफारिश के एक दिन बाद आया है।

एक्स पर पोस्ट कर बोलीं- कंगारू कोर्ट

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि संसदीय इतिहास में पहले व्यक्ति के रूप में जाने पर गर्व है जिसे आचार समिति द्वारा अनैतिक रूप से निष्कासित किया गया है, जिसके जनादेश में निष्कासन शामिल नहीं है। पहले निष्कासित करें और फिर सरकार से कहें कि वह सबूत ढूंढने के लिए सीबीआई से कहे। कंगारू कोर्ट, शुरू से अंत तक बंदरबांट है। इसके साथ ही सांसद ने इस बात का भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके उपर लगाए गए आरोप से उन्हें 2024 में कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से बड़े अंतर से जीत हासिल होगी।

महुआ मोइत्रा के खिलाफ ड्राफ्ट 6-4 के अंतर से अपनाया गया

भाजपा के लोकसभा सदस्य विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में कमेटी ने नई दिल्ली में बैठक की और अपनी 479 पन्नों की रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें रिपोर्टों के अनुसार, मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश की गई। यह कमेटी द्वारा किसी सांसद के खिलाफ इस तरह की पहली कार्रवाई थी। कमेटी के प्रमुख विनोद सोनकर ने कहा कि 6 सदस्यों ने समर्थन दिखाया जबकि चार ने इसका विरोध किया। अपराजिता सारंगी, राजदीप रॉय, सुमेधानंद सरस्वती, परनीत कौर, विनोद सोनकर और हेमंत गोडसे ने रिपोर्ट का समर्थन किया, जबकि दानिश अली, वी वैथिलिंगम, पीआर नटराजन, गिरिधारी यादव ने इसका विरोध किया।

इसमें कहा गया कि महुआ मोइत्रा ने उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से पैसा और वस्तु व कई तरह की सुविधाएं ली थी। जिनके साथ पासवर्ड और लॉगिन विवरण को शेयर भी किया गया था। इसमें यह भी कहा गया कि मोइत्रा द्वारा संसद में पूछे गए 61 सवालों में से 50 में हीरानंदानी के व्यावसायिक हितों की रक्षा या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी।

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