Bihar Hooch Tragedy: मुजफ्फरनगर में जहरीली शराब से दो लोगों की मौत, तीन ने गंवाई आंखों की रोशनी

Bihar Hooch Tragedy: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन राज्य में शराब बंदी कानून का कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। राज्य में हर दो चार महीने में जहरीली शराब पीकर होने वाली मौत की खबर सामने आ ही जाती है। सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी राज्य में जहरीली शराब की बिक्री नहीं बंद हो रही है। इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि तीन लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है।
दो लोगों की गिरफ्तारी
इस मामले को लेकर मुजफ्फरपुर के अधिकारियों का कहना है कि, रविवार को यानी की आज कथित तौर पर जहरीली शराब पीने के बाद जिले तके काजी मोहम्मपुर थाना क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य की आंखों की रोशनी चली गई। पुलिस ने कहा कि संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों की सूचना मिलने के बाद, एक टीम आगे की जांच करने के लिए मौके पर पहुंची है। मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान उमेश शाह और धर्मेंद्र राम के रूप में की गई है।
मुजफ्फरपुर के एसपी का बयान
मुजफ्फरपुर के एसपी अभिषेक दीक्षित ने मामले पर जानकारी देते हुए समाचार एजेंसी से बताया, "हमें सूचना मिली कि अचानक तबीयत खराब होने से दो लोगों की मौत हो गई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि उन्होंने देशी शराब का सेवन किया था। हमने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
अप्रैल में जहरीली शराब से हुई थी मौतें
बता दे कि इस साल की शुरुआत में अप्रैल में बिहार के मोतिहारी में ज़हरीली शराब ने 27 लोगों की जान ले ली थी। इस दौरान मोतिहारी के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर पांच एसएचओ, 2 शराब विरोधी टास्क फोर्स (एएलटीएफ) और 9 पुलिस चौकीदारों को निलंबित कर दिया था। बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। हालांकि बिहार में शराब बंदी के बाद से राजनीति गरमा गई थी। बीजेपी सहित कई नेताओं में शराब का मुद्दा उठाते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साधा था।
बिहार में 2016 से शराब बिक्री पर रोक
बता दें कि बिहार में 2016 राज्य सरकार शराबबंदी का कानून लेकर आई। 1 अप्रैल 2016 को बिहार देश का 5वां ऐसा राज्य बन गया, जहां शराब पीने और जमा करने पर प्रतिबंध लग गया था। लेकिन इसके बाद भी शराब माफिया प्रशासन की मिली भगत से शराब बेचते हैं। जहरीली शराब पीने से मौत होने के बाद से फिर से शासन और प्रशासन पर लोग अंगूली उठाते हैं। बता दें कि बिहार के अलावा, गुजरात, मिजोरम, नागालैंड और लक्षद्वीप में पूरी तरह से शराबबंदी कानून लागू है।
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