Udaipur Chintan Shivir: कांग्रेस चिंतन शिविर के समापन पर 'नव संकल्प आर्थिक नीति' पर बनी सहमति

उदयपुर में खत्म हुए तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर के आखिरी और समापन पर सोनिया गांधी से लेकर पार्टी कार्यकर्ता तक मौजद रहे। इस दौरान पार्टी ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद भारत आर्थिक समूह के लिए नई संकल्प आर्थिक नीति बनाने और लागू करने के लिए कवायद की। 1990 के दशक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा किए गए अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के अभूतपूर्व लाभों का संज्ञान लेते हुए उदारीकरण-उन्मुख अर्थव्यवस्था के गठन को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा गया।
जिसमें निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया। लेकिन साथ ही साथ मजबूत और कुशल। व्यवहार्य सार्वजनिक उपक्रमों की संरचनात्मक भूमिका भी जारी रही। उदारीकरण के 30 साल के बाद और घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों पर संज्ञान लेते हुए स्वाभाविक रूप से आर्थिक नीति में बदलाव की आवश्यकता है। रोजगार सृजन इस नव संकल्प आर्थिक नीति का फोकस होना चाहिए। आज के भारत में रोजगार विहीन विकास के लिए कोई जगह नहीं हो सकती।
आगे कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मोदी सरकार की बेरोजगार आर्थिक नीतियों को सिरे से खारिज करती है। हमारा मानना है कि एक आर्थिक नीति जो नई नौकरियों के सृजन पर ध्यान केंद्रित करेगी, देश में उच्च विकास दर ला सकती है। नई संकल्प आर्थिक नीति के लिए यह आवश्यक है कि यह अत्यधिक गरीबी, भूख, चिंताजनक कुपोषण और देश में फैली सबसे खराब आर्थिक असमानता को हल कर सके।
जबकि भाजपा सरकार द्वारा 70 साल में बनाई गई सरकारी संपत्तियों का अंधाधुंध निजीकरण अपने आप में खतरनाक है। यह तब और गंभीर हो जाता है जब भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को उनके कुछ और पसंदीदा पूंजीवादी मित्रों को औने-पौने दामों पर बेच रही है। भारत की अर्थव्यवस्था पर कुछ लोगों का एकाधिकार दिखाई देता है और इससे कमजोर वर्ग का शोषण होता है। पार्टी निजीकरण का कड़ा विरोध करेगी।
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