सोनिया गांधी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में उद्धव ठाकरे बोले, पहले हमें तय करना चाहिए कि डरना है कि लड़ना है

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ आज कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई। इसके अलावा इस मीटिंग में गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। जिसमें ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया गांधी ने इस मीटिंग में जीएसटी और नीट एग्जाम का मुद्दा उठाया है। वहीं इस मीटिंग के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें पहले से ही तय करना होगा कि हमें डरना है या लड़ना है।
वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर बंटवारे का आरोप लगाया और इसके साथ ही कहा कि नीट और जेईई एग्जाम को फिलहाल के लिए डाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार ही आग्रह नहीं कर रही है तो ऐसे में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को आगे आना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट से अपील करनी चाहिए कि फिलहाल के लिए जेईई और नीट के एग्जाम को डाल देना चाहिए।
वहीं दूसरी तरफ ठाणे में आयोजित की जा रही समीक्षा बैठक में बोलते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लॉक डाउन को हटाने के बारे में अनिश्चितता जताई और कहा कि महामारी से निपटने में लापरवाही के गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि कई देशों ने पूरी तरह से अर्थव्यवस्था को खोलने के बाद कोरोनोवायरस की दूसरी लहर का अनुभव किया है।
इसलिए जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। पिछले 3 महीनों से महाराष्ट्र सरकार राज्य के नागरिकों को मिशन स्टार्ट अगेन के तहत कुछ लॉकडाउन मानदंडों में छूट देकर कई रियायतें दे रही है।
हालांकि, इस बयान के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया है कि यात्रा और सार्वजनिक परिवहन के संबंध में राज्य में लॉकडाउन प्रतिबंध 1 सितंबर के बाद भी लागू रहेगा। इसके अलावा ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार लॉकडाउन काम करने में जल्दबाजी नहीं करेगी। सीएम ने कुछ प्रतिबंधों की आवश्यकता बताते हुए कहा कि जब तक सरकार पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हो जाती, कुछ नियमों का पालन करना होगा।
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