Ukraine Russia Crisis: भारत, चीन और यूएई ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा, जानें भारत ने क्या कुछ कहा

Ukraine Russia Crisis: भारत, चीन और यूएई ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा, जानें भारत ने क्या कुछ कहा
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भारत, चीन (China), संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत 3 देशों ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया है।

Ukraine Russia Crisis: भारत (India) ने यूएनएससी (UNSC) के उस प्रस्ताव से परहेज किया है जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की 'आक्रामकता' की निंदा की गई थी। भारत, चीन (China), संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समेत 3 देशों ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया है। जबकि 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि रूस ने अपनी वीटो शक्ति (संकल्प को अवरुद्ध करने के लिए) का इस्तेमाल किया है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने इस बात की जानकारी दी है।

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने इस मतदान में हिस्सा तो नहीं लिया लेकन यूक्रेन में जारी हिंसा पर अफसोस जताते हुए इसे रोकने का आह्वान किया है। इसके अलावा भारत ने सभी सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया। भारत के लिए भारतीय समुदाय, विशेष रूप से यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों की सुरक्षा और उनकी निकासी तत्काल प्राथमिकता है।

टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर क्या कहा

टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि भारत का मानना है कि संवाद ही किसी समाधान तक पहुंचने और विवादों को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है। गुरुवार को रूस के द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले में हुई तबाही से भारत बहुत चिंतित है। भारत को बेहद ही अफसोस है कि कूटनीति का रास्ता बहुत जल्द छोड़ दिया गया। हमें इस पर वापस लौटना चाहिए।

हम अनुरोध करते हैं जल्द ही हिंसा और शत्रुता को खत्म करने की सभी कोशिशें की जाएं। मानव (इंसानों) की जान की कीमत पर कोई हल नहीं निकाला जा सकता है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन से कूटनीति के रास्ते पर लौटने का अनुरोध किया है।

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