चीन के खिलाफ सख्ती दिखाने का संदेश, आत्मनिर्भर भारत के तहत उत्पादों पर मूल देश का नाम लिखना अनिवार्य

चीन के खिलाफ सख्ती दिखाने का संदेश, आत्मनिर्भर भारत के तहत उत्पादों पर मूल देश का नाम लिखना अनिवार्य
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आत्मनिर्भर भारत अभियान' को आगे बढ़ाते हुए सरकारी खरीद के ऑनलाइन पोर्टल 'गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस' (जेम) ने विक्रेताओं के लिए उत्पादों पर 'उत्पादन के मूल देश' का नाम अंकित करना अनिवार्य कर दिया है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान' को आगे बढ़ाते हुए सरकारी खरीद के ऑनलाइन पोर्टल 'गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस' (जेम) ने विक्रेताओं के लिए उत्पादों पर 'उत्पादन के मूल देश' का नाम अंकित करना अनिवार्य कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उसने अपने मंच पर उत्पादों में 'स्थानीय मूल्यवर्द्धन' के योगदान के उल्लेख का प्रावधान भी किया है।

नए उत्पादों के लिए कंट्री ऑफ ओरिजिन अनिवार्य

पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तल्लीन कुमार ने कहा, आत्मनिर्भर भारत के लिए जेम ने एक अहम कदम उठाया है। उसने विक्रेताओं के लिए नए उत्पाद पंजीकृत करने पर उसके 'उत्पादन के देश' (कंट्री ऑफ ओरिजिन) का अंकित करना अनिवार्य कर दिया है।

अंकित न करने वाले उत्पादों को मंच से हटा दिया जाएगा

कुमार ने कहा कि जो विक्रेता इस नियम में बदलाव से पहले अपने उत्पादों को मंच पर पंजीकृत कर चुके हैं उन्हें समय-समय पर याद दिलाया जाएगा कि वह उत्पादों के 'उत्पादन का देश' अंकित करें अन्यथा उनके उत्पाद को मंच से हटा दिया जाएगा।

मेक इन इंडिया फिल्टर लगाया गया

पोर्टल के मुख्य कार्यकारी ने कहा कि इन नए फीचरों में कंट्री ऑफ ऑरिजिन के साथ-साथ उत्पादों पर स्थानीय मूल्यवर्द्धन का प्रतिशत भी अंकित होगा। मंच पर 'मेक इन इंडिया' फिल्टर भी लगाया गया है जो खरीदारों को भारतीय उत्पादों के चयन में मदद करेगा।

न्यूनतम 50 प्रतिशत स्थानीय मूल्यवर्द्धन जरूरी

खरीदार चाहे तो केवल उन उत्पादों की खरीद कर सकता है जिसमें न्यूनतम 50 प्रतिशत स्थानीय मूल्यवर्द्धन हो। कुमार ने कहा कि अपनी शुरुआत से ही जेम 'मेक इन इंडिया' को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।

छोटे विक्रेताओं को सरकारी खरीद में प्रवेश की सुविधा

देश के छोटे स्थानीय विक्रेताओं को सरकारी खरीद में प्रवेश करने की सुविधा दे रहा है। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने सरकारी खरीद के नियमों को संशोधित किया था, जिसमें कहा गया था कि ऐसे उत्पादों एवं सेवाओं को वरीयता दी जाएगी जिनमें 50 प्रतिशत या उससे अधिक स्थानीय मूल्यवर्द्धन शामिल है।

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