रीता बहुगुणा जोशी 24 साल कांग्रेस में रहने के बाद बीजेपी में हुईं शामिल, बेटे के टिकट के लिए सुर्खियों में रहीं- जानें कैसा रहा सियासी सफर

UP Election 2022: हेमवती नंदन बहुगुणा और कमला बहुगुणा के घर 22 जुलाई 1949 को जन्मी रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) एक अनुभवी भारतीय राजनीतिज्ञ (veteran Indian politician) हैं। 24 साल तक रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस (Congress) पार्टी में शामिल रहीं। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। रीता बहुगुणा जोशी साल 2019 के आम चुनाव में भाजपा के टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव जीतकर सांसद बनीं। बीते दिनों रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे मयंक को राजनीति में लाने के लिए लखनऊ कैंट से भाजपा से टिकट मांगा था।
जिस कारण वह चर्चा में रहीं। रीता बहुगुणा जोशी ने यहां तक कहा था कि यदि परिवारवाद इसके आड़े आता है तो वह अपनी सांसदी से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। हालांकि, भाजपा ने मयंक को टिकट नहीं दिया। बीजेपी ने लखनऊ कैंट से प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया। इसके बाद रीता ने कहा था कि भाजपा पार्टी ने मयंक को टिकट से देने से इनकार कर दिया है। अब मयंक जोशी स्वतंत्र हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधासभा सीटें के लिए सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं। 7 मार्च को अंतिम और सातवें चरण का चुनाव होगा।
रीता बहुगुणा जोशी का राजनीतिक करियर
22 जुलाई 1949 को जन्मी रीता बहुगुणा जोशी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा और पूर्व सांसद कमला बहुगुणा की बेटी हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने पोस्ट ग्रेजुएट के बाद इतिहास में पीएचडी की है। रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास की प्रोफेसर भी रहीं हैं। रीता बहुगुणा जोशी ने 1995 में इलाहाबाद की मेयर बनकर राजनीति करियर की शुरुआत की। वह इस पद पर 2000 तक रहीं। वह राष्ट्रीय महिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष भी रही हैं।
रीता बहुगुणा जोशी 2003 से लेकर 2007 तक अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। इसके बाद उन्होंने साल 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। 16 जुलाई 2009 को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मुरादाबाद की जेल भेज दिया गया था।
वह साल 2012 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में लखनऊ छावनी से विधानसभा की सदस्य चुनी गईं। बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी दो बार लोकसभा का चुनाव लड़ीं लेकिन कामयब नहीं हो सकीं। 24 साल कांग्रेस पार्टी में शामिल रहने के बाद रीता बहुगुणा जोशी 20 अक्टूबर 2016 को वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा सभा चुनाव में रीता बहुगुणा जोशी ने भाजपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद रीता बहुगुणा जोशी ने साल 2019 में लोकसभा सभा चुनाव भाजपा के टिकट पर इलाहबाद से लड़ा और जीतकर सांसद बनीं। जोशी ने 494454 वोटों से जीत दर्ज की थी। वर्तमान में रीता बीजेपी की सांसद हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी एक प्रसिद्ध लेखिका भी हैं। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से पहले दो इतिहास की किताबें भी लिखीं हैं। रीता बहुगुणा जोशी को 'दक्षिण एशिया में सबसे विशिष्ट महिलाओं' में शामिल होने के लिए संयुक्त राष्ट्र उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला है।
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