Vikas Dubey Encounter: विकास दुबे मुठभेड़ कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, यूपी पुलिस ने सबूत के साथ दिया जवाब

कानपुर देहात के कुख्यात बदमाश विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया। जिसमें पुलिस ने तर्क देते हुए कहा कि यह मुठभेड़ एक नहीं था। अब इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के मुठभेड़ एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस से जवाब मांगा। जिसके जवाब में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यह मुठभेड़ फर्जी नहीं थी। पुलिस ने दुबे समेत उसके साथियों को मार गिराए जाने को लेकर एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है।
विकास दुबे मुठभेड़ कांड को लेकर यूपी पुलिस ने दायर की रिपोर्ट
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में एक कई पन्नों की रिपोर्ट दी है। जिसमें विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर पूरी जानकारी दी है। वहीं पुलिस ने कहा कि यह फर्जी मुठभेड़ नहीं थी लेकिन अब इसकी अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीते दिनों कानपुर देहात के बिकरु गांव में विकास दुबे और उसके गैंग ने कुर्की करने गई पुलिस पर हमला कर दिया था। इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद पुलिस ने कुख्यात बदमाश विकास दुबे की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी।
विकास दुबे के तलाश में 100 जगह पर छापेमारी की थी
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानपुर देहात मुठभेड़ कांड के मुख्य आरोपी को 8 दिन के अंदर ही मार गिराया था। यूपी पुलिस ने विकास दुबे की तलाश में 100 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की और 3 राज्यों में छापेमारी जारी की। जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश थे।
ऐसे हुआ था विकास दुबे का एनकाउंटर
वही जवानों को शहीद करने के बाद पुलिस ने विकास दुबे के गैंग को मार गिराया। पुलिस ने 8 दिन के अंदर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ की टीम विकास दुबे को सड़क मार्ग के जरिए कानपुर लेकर आ रहे थे। इसी दौरान कानपुर टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर दूर विकास दुबे की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और इस दौरान विकास दुबे ने भागने की कोशिश की।
अखिलेश यादव और मायावती ने योगी सरकार को उठाए थे सवाल
पुलिस ने कहा कि उसने विकास दुबे को सरेंडर करने के लिए कहा। लेकिन उसने हथियार से मारने की कोशिश की और इसी दौरान मुठभेड़ में वह मारा गया। इसके बाद कई विपक्षी दलों ने विकास दुबे मुठभेड़ कांड को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा और अखिलेश यादव और मायावती ने कहा कि सरकार बचाने के लिए यह फर्जी एनकाउंटर कराया गया।
वहीं दूसरी तरफ विकास दुबे कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। अब इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी। यूपी एसटीएफ ने आठ दिनों के भीतर पांच एनकाउंटर करते हुए कई आरोपियों को ढेर कर दिया था।
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