Ramcharitmanas controversy: रामचरित मानस जलाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ हुए आग बबूला, 2 आरोपियों पर लगाया एनएसए

उत्तर प्रदेश, हरिभूमि न्यूज: रामचरित मानस के पृष्ठ फाड़कर जलाने का मामला कई दिनों से चल आ रहा है। इस मामले को राजनीतिक रूख भी दिया जा रहा है। कई दिग्गज नेताओं को इस मुद्दे पर आरोप जनक टिप्पणी करते हुए भी देखा गया। मामले में शिकायकर्ता ने पृष्ठ जलाने वाले आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने श्री रामचरित मानस के पृष्ठ फाड़कर जलाने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। पुलिस ने मामले में दो आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है। इसपर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सीएम योगी का धन्यवाद किया और कहा कि जो नेता टेलीविजन पर बैठकर प्रतिदिन हिन्दू धर्म ग्रंथों का अपमान किया करते हैं, उनके ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज
बता दें कि इस मामले में दस अन्य लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। दर्ज एफआईआर की सूची में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र प्रताप यादव, सत्येंद्र कुशवाहा, यशपाल सिंह लोधी, महेंद्र प्रताप यादव, नरेश सिंह, सुजीत यादव, एसएस यादव, मोहम्मद सलीम और संतोष वर्मा भी शामिल है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 142, 143, 153 ए, 295, 295 ए और 298 के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है।
29 जनवरी 2023 को जलाई गई थी रामचरित मानस के पृष्ठ
बता दें कि श्री रामचरित मानस के पृष्ठ को फाड़कर जलाने की घटना 29 जनवरी 2023 को सामने आया था। मामले में लखनऊ पुलिस ने दो आरोपी सत्येंद्र कुशवाहा और सलीम को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की धारा 3 और उपधारा 2 के तहत हिरासत में लेने का आदेश दे दिया था। आरोपियों के खिलाफ यह कार्रवाई सार्वजनिक शांति व्यवस्था बनाने के लिए की गई थी।
अखिलेश यादव ने किया आरोपियों का समर्थन
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि सलीम और सत्येंद्र कुशवाहा ने 10 अन्य लोगों के साथ मिलकर रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था। पिछले महीने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस के ऊपर आरोप जनक टिप्पणी किया था। उन्होंने कहा था कि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में दलित समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। स्वामी प्रसाद के इस विवादित बयान पर सपा नेता अखिलेश यादव ने समर्थन भी किया था। साथ ही अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा का महासचिव नियुक्त कर दिया।
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