UP: सराहनपुर में गुर्जर-क्षत्रिय समुदायों में भिड़ंत, धारा 144 लागू, जानें टकराव की वजह

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) जनपद में गुर्जर (Gurjar) और राजपूत (Rajput) समाज के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है। बता दें कि गुर्जर समाज के लोगों ने आज यानी सोमवार को प्रतिबंध के बावजूद सम्राट मिहिर भोज (Samrat Mihir Bhoj) यात्रा निकालने का ऐलान कर दिया। गुर्जर समाज के लोगों ने इस यात्रा को निकालने के लिए पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन टकराव की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी, लेकिन फिर भी आज सुबह से ही गुर्जर समाज के लोग सैकड़ों की संख्या में एकत्र हुए और गौरव यात्रा शुरू कर दी। राजपूत समाज ने इस यात्रा का विरोध किया, लेकिन फिर भी गुर्जर समाज के लोग नहीं रुके और देखते ही देखते दोनों समुदाय के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई।
सहारनपुर में धारा 144 लागू
बता दें कि रविवार को इस यात्रा को लेकर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने दोनों समाज से वार्ता करते हुए साफ कर दिया था कि किसी भी तरह की यात्रा नहीं निकाली जाए। पुलिस ने जिले में धारा 144 भी लागू कर दी है। पुलिस ने कहा था कि अगर कोई भी नियम का उल्लंघन करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन फिर भी गुर्जर समाज के लोग नहीं माने और गौरव यात्रा निकाली।
गुर्जर समाज के लोगों ने जिलाधिकारी व एसएसपी से मिलकर कहा था कि हम गौरव यात्रा जरूर निकालेंगे। हमें रोकना का प्रयास नहीं किया जाए, नहीं तो टकराव की स्थिति बन सकती है। दूसरी ओर क्षत्रिय समाज के युवाओं ने हकीकतनगर स्थित रामलीला मैदान पर धरना देकर गुर्जर समाज की गौरव यात्रा का विरोध किया। उन्होंने विरोध करते हुए प्रशासन से मांग की है कि महापुरुषों के इतिहास से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
जानें दोनों समुदायों के बीच क्यों है टकराव
बता दें कि अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के सदस्य आचार्य वीरेंद्र विक्रम ने कहा कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे, वे गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी राजा थे। वे 851 ईस्वी में भारत भ्रमण पर आए, इसके बाद अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जर देश कहा था। इसी तरह से अनेक इतिहासकारों ने भी उनके गुर्जर होने का प्रमाण दिया है। अर्थात गुर्जर समुदाय के लोगों का दावा है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर समुदाय के रहने वाले थे।
वहीं, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष डॉ. कुशलपाल ने कहा कि क्षत्रिय सम्राट मिहिर भोज को विशेष जाति के लोग गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं, यह सरासर गलत है। मिहिर भोज एक पराक्रमी क्षत्रिय सम्राट थे। इसलिए वे गुर्जर समाज की इस यात्रा का विरोध करते हैं।
सपा विधायक अतुल प्रधान भी यात्रा में हुए शामिल
बता दें कि सपा से सरधना विधायक अतुल प्रधान भी सहारनपुर में चल रही गुर्जर गौरव यात्रा में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इस दौरान अतुल प्रधान को रोकने के लिए पुलिस ने बागपत के बालैनी टोल प्लाजा पर वाहनों को रोककर चेकिंग शुरू कर दी। फिर पता चलता है कि अतुल आधा घंटा पहले ही टोल प्लाजा से निकल चुके हैं। वहीं, अतुल प्रधान के यात्रा में जाने की खबर मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गई। पुलिस ने सिसाना में अतुल प्रधान व समर्थकों की गाड़ियों को रोक लिया। पुलिस ने अतुल प्रधान को पकड़ा तो वो अपने समर्थकों के साथ सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इसके साथ ही विधायक ने पुलिस पर मारपीट और कपड़े फाड़ने का भी आरोप लगाया है। सहारनपुर में गुर्जर गौरव यात्रा दोपहर ढाई बजे ही नकुड क्षेत्र के गांव फंदपुरी में आकर संपन्न हो गई है।
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