Gyanvapi Mosque Case: नंदी की वर्षो की तपस्या हुई सफल, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, दी ये दलीलें

Gyanvapi Mosque Case: नंदी की वर्षो की तपस्या हुई सफल, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, दी ये दलीलें
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Mosque) परिसर में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग पर जिला न्यायालय ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया हैं।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Mosque) परिसर में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग पर जिला न्यायालय ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया हैं। इस मामले में वाराणसी जिला न्यायालय के न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत सुनवाई की। यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया हैं। कोर्ट ने श्रृंगार गौरी में पूजा के अधिकार के लिए दायर याचिका को सुनवाई के योग्य माना है।

वही जज एके विश्वेश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में अंजुमन इंतजामिया समिति की याचिका खारिज की जाती है। जज ने कहा कि नियम 6/11 लागू होगा, 7/11 लागू नहीं किया जाएगा। जज ने आगे कहा कि ज्ञानवापी परिसर में पूजा के अधिकार की मांग करने वाली 5 हिंदू महिलाओं द्वारा दायर किया गया मुकदमा 'सुनने योग्य' है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी.इसको देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

अदालत परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया हैं। वही पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई हैं। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। पुलिस (Uttar Pradesh Police) टीम द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है। एएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि अदालत परिसर में कोई अराजक गतिविधि न हो इसके लिए व्यवस्था की गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां 2000 से अधिक बल तैनात हैं। वहीं राजधानी लखनऊ में भी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने लखनऊ चौक चौराहे से नखास तक पैदल मार्च निकाला। साथ ही पुराने लखनऊ में ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

बता दें अगस्त 2021 में 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में देवी-देवताओं की पूजा और सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिला था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि यह एक फव्वारा है। इसके बाद हिंदू पक्ष ने विवादित स्थल को सील करने की मांग की थी।

सत्र न्यायालय ने इसे सील करने का आदेश दिया था। इसके बाद इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जिला जज के पास ट्रांसफर कर दिया था साथ ही कोर्ट ने कहा था कि वजू की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही शिवलिंग का इलाका सील रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज अजय कृष्ण ने सुनवाई की थी और 24 अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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