आगामी चुनाव से पहले उत्तराखंड कांग्रेस पर मंडराया संकट, हरीश रावत ने हाईकमान पर उठाए सवाल, ट्वीट में दिए ये संकेत

उत्तराखंड में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने जा रहे हैं और ऐसे में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कांग्रेस पार्टी के आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने लगातार तीन ट्वीट कर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है। रावत ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि जिस समंदर में वो तैरना चाहते हैं, वहां सत्ता ने कई मगरमच्छ छोड़े हैं. जिनके इशारे पर मुझे तैरना है, उनके प्रतिनिधि मेरे हाथ-पैर बांध रहे हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि अब लगता है कि समय आ गया है। उनके ये शब्द कई राजनीतिक पहलुओं से भरे नजर आते हैं। अब हरीश रावत के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही कांग्रेस छोड़ सकते हैं। अगर ऐसा करते हैं तो आने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है।
#चुनाव_रूपी_समुद्र
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है,
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उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
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उन्होंने आगे लिखा जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।#Uttarakhand @INCUttarakhand
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है "न दैन्यं न पलायनम्" बड़ी उपापोह की स्थिति में हूंँ, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि #भगवान_केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे। उनके इन बयानों को सियासी गलियारों में अलग-अलग तरह से देखा जा रहा है. कुछ लोग उनकी बातों को रिटायरमेंट से जुड़ा बता रहे हैं तो कुछ इसे उनका विद्रोही रवैया बता रहे हैं।
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