Uttarakhand Glaciers Map: नक्शे में देखें चमोली के किस इलाके में टूटा ग्लेशियर, हरिद्वार है 121 किलोमीटर दूर

Uttarakhand Glaciers Map: उत्तराखंड में एक बार फिर से 2013 की केदारनाथ त्रासदी की यादें सामने आई हैं। चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में धौली गंगा घाटी में एक ग्लेशियर टूटने के बाद बड़ा नुकसान हुआ है। चमोली जिला ग्लेशियर से घिरा हुआ है। केदारनाथ और बदरीनाथ के ऊपरी इलाकों में ग्लेशियर साफ देखे जा सकते हैं।
रविवार को उत्तराखंड के चमोली में एक बड़ी त्रासदी की जानकारी मिली। रैणी गांव में ग्लेशियर टूटा है। वहीं जोशीमठ के पास ऋषि गंगा प्रोजेक्ट का काम चल रहा था। इस हादसे में 150 लोगों के लापता होने की जानकारी है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी इलाके में यह घटना हुई है।

आप नक्शे में देख सकते हैं कि निति वो जगह है जहा पर यह हादसा हुआ है। जो जोशमठ के पास है। वहीं चमोली से हरिद्वार का रास्ता 121 किलो मीटर है। ऐसे में आशंका है कि ये पानी तेजी से आज शाम तक हरिद्वार पहुंच जाएगा। हरिद्वार समेत कानपुर तक सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है।

धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने भयंकर रूप ले लिया है। ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना पर काम चल रहा था, जिसको पूरी तरह से तभाह हो गई है।

आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवानों की टीमें ग्रामीणों और स्थानीय लोगों को बचाने के लिए प्रभावित इलाकों में रवाना की गईं। इस बीच ग्लेशियर टूटने के तुरंत बाद इस क्षेत्र की नदियों में बाढ़ आ गई। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा है कि चमोली जिले में 100 से 150 लोग हताहत हुए हैं। शहरों को अलर्ट पर रखा गया है। रेनी गांव के पास धौलीगंगा में बड़े पैमाने पर बाढ़ देखी गई, जहां कई नदी किनारे के घरों में बाढ़ आ गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस आपदा की पुष्टि की।
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