उत्तराखंड न्यूज: कुंभ मेले में फर्जी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट में FIR दर्ज, सीएम तीरथ सिंह रावत ने दिया बयान

उत्तराखंड न्यूज: कुंभ मेले में फर्जी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट में FIR दर्ज, सीएम तीरथ सिंह रावत ने दिया बयान
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हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कथित तौर पर कई हजार लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कथित तौर पर कई हजार लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। हरिद्वार पुलिस ने एक फर्म समेत दो प्राइवेट लैब के खिलाफ एफआईआर को दर्ज किया है। हरिद्वार के सीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया कि मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस और दिल्ली- हिसार लैब के खिलाफ धोखाधड़ी, आपदा एक्ट और क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी जैसी अलग धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत में पहली बार बयान देते हुए कहा है कि फर्जी टेस्ट का मामला उनके कार्यकाल के दौरान का नहीं है। वह मार्च में मुख्यमंत्री बने थे। सीधे तौर पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस घटनाक्रम से अपने आप को पूरी तरह अलग कर लिया है।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। ताकि सच्चाई सामने आ सके कि आखिर किसकी वजह से और कौन इसके पीछे जिम्मेदार है। अब जब दो लैब शक के घेरे में आई हैं तब अधिकारी बाकी लैब के रिजल्ट खंगालने की बात कर रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान सरकार की तरफ से बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए कोरोना टेस्टिंग के लिए कुछ लैब को नियुक्त किया था। जिसमें बड़ी मात्रा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट को तैयार किया गया है। अब इस मामले की जांच शुरू हो गई है।

बता दें कि इस मामले की जांच हरिद्वार के डीएम के सुपुर्द की गई है और उन्होंने 3 सदस्य टीम का गठन किया है, जो इस मामले की जांच कर रही और 14 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी इस मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चाहे कंपनी हो या कोई निम्न अधिकारी किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

इसी साल कोरोना के साये के बीच हरिद्वार में अप्रैल में कुंभ हुआ था, उससे पहले स्थानीय प्रशासन ने 22 लैबोरेट्रीज के साथ कोविड टेक्स्ट को लेकर अनुबंध किया थाथा। मैक्स कॉरपोरेट सर्विस उसमें से एक फॉर्म थी जिसके पास दो लैबोरेट्री थी। इन लैब्स द्वारा हजारों की संख्या में किये गए टेस्ट शक के दायरे में हैं। लैब टेस्ट पर शक की सुई तब घुमी जब पंजाब के युवक के मोबाइल में मैसेज आया उसकी की उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि वह युवक कभी हरिद्वार आया ही नहीं था। जिसके बाद यह पूरा मामला संज्ञान में आया।

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