Uttarakhand: SC ने उत्तरकाशी महापंचायत पर सुनवाई से किया इनकार, कहा- ये प्रशासन का मामला

Uttarkashi Mahapanchayat: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी के पुरोला (Purola) में प्रस्तावित महापंचायत (Mahapanchayat) पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि महापंचायत के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि ये प्रशासनिक मामला है इसके लिए आप हाईकोर्ट या फिर संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। बता दें कि याचिकाकर्ता ने पहले जिला प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी थी, लेकिन प्रशासन ने मांग को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। हम राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। किसी भी व्यक्ति को कानून तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो भी कानून के खिलाफ जाएंगे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
#WATCH | Uttarakhand: "District Police and administration are fully prepared. We're taking all the steps to maintain the law & order in the state, no one will be allowed to break the law...action will be taken against those who will try to break the law...": DGP Ashok Kumar on… pic.twitter.com/v11BhStzNB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 14, 2023
उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने लिखी शाह को चिट्ठी
दूसरी ओर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद असद मदनी ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को चिट्ठी लिखकर महापंचायत को रोकने की मांग की थी। मदनी ने उत्तरकाशी की घटना पर चिंता जाहिर करते हुए अपनी चिट्ठी में महापंचायत को रोकने का अनुरोध किया है। मदनी ने कहा कि अगर यह महापंचायत होती है तो उत्तराखंड में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि यह मामला 26 मई का है। आरोप है कि बिजनौर निवासी जितेंद्र सैनी और उवेस खान ने पुरोला में एक नाबालिग लड़की को भगाने का प्रयास किया था। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया। इस घटना के बाद से ही स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। इस घटना के बाद पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों की एक दुकान नहीं खुल पाई है। पुरोला में पिछले 18 दिनों से 30 से अधिक दुकानें बंद हैं।
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