Uttarakhand Rescue Operation: सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में लगेंगे 3 से 4 घंटे, बारिश हुई तो...

Uttarakhand Rescue Operation: सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने में लगेंगे 3 से 4 घंटे, बारिश हुई तो...
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Uttarakhand Rescue Operation: उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों के आज बाहर निकल जाने की उम्मीदें बंधी थी, लेकिन अभी तक अभियान पूरा नहीं हो सका है। चूंकि उत्तरकाशी में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है, लिहाजा श्रमिकों के परिजनों की चिंताए बढ़ना लाजमी है। नीचे पढ़िये बारिश और बर्फबारी होने का कितना असर रेस्क्यू अभियान पर पड़ेगा...

Uttarakhand Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों के लिए आज की रात बेहद अहम है। श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ रहा है। हालांकि उत्तरकाशी के मौसम की बात करें तो इस रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवधान पड़ सकता है। मौसम विभाग की मानें तो उत्तरकाशी में बारिश के साथ बर्फबारी होने की भी संभावना है। अब सवाल उठता है कि अगर बारिश या बर्फबारी होती है, तो श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीमों के पास दूसरा प्लान क्या है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेस्क्यू टीम के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि अगर उत्तरकाशी में बारिश या बर्फबारी होती है, तो इसका असर सुरंग में फंसे श्रमिकों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन सुरंग के बाहर चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बताया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF का बेहद महत्वपूर्ण रोल है। उन्होंने बताया कि तय प्लानिंग के तहत तीन टीमें सुरंग के भीतर प्रवेश करेंगी और SDRF व NDRF को सहयोग देगी। उन्होंने बताया कि पैरामेडिक्स भी सुरंग के भीतर जाएंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रत्येक श्रमिक को सुरंग से बाहर निकालने में तीन से पांच मिनट का समय लगेगा। ऐसे में सभी श्रमिकों को बाहर निकालने में तीन से चार घंटे का समय लगने की उम्मीद है।

श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल भेजना मुमकिन नहीं

सैयद अता हसनैन ने कहा कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किए। चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे तय किया था। चूंकि यह समय निकल चुका है, लिहाजा इस श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के बाहर निकालने में देरी होने के चलते अगली सुबह एयरलिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाया जाएगा। वहां जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा तथा 10 बेड की सुविधा भी साइट पर तैयार है।

मौसम डाल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन में व्यवधान

अभी तक बारिश या बर्फबारी होने की सूचना नहीं मिली है, लेकिन मौजूदा मौसम के चलते चिनूक हेलीकॉप्टर की उड़ान पर रोक लगाई है। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने बताया कि चिनूक हेलीकॉप्टर रात में उड़ान भर सकता है, लेकिन मौजूदा मौसम उड़ान के लिए अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी इमरजेंसी स्थिति भी नहीं है कि रात को श्रमिकों को एयरलिफ्ट करके जिला अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी श्रमिक को इमरजेंसी सेवाओं की जरूरत पड़ती है, तो श्रमिकों को 1 या 2 एम्बुलेंस में ऋषिकेश लाया जा सकता है।

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