कुंभ 2021: फर्जी कोरोना टेस्ट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत में खींचातानी शुरू, जानें क्या है पूरा मामला

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुए कुंभ मेले के आयोजन के दौरान लैब कंपनी ने एक लाख फर्जी कोरोना टेस्ट किए, जिसकी एफआईआर और मामले की जांच शुरू हो चुकी है। इस मामले पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। यह सीधे तौर पर जीवन से खिलवाड़ है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब इस मामले को लेकर न्यायिक जांच की मांग की जा रही हैं।
वहीं दूसरी तरफ वर्तमान सीएम तीरथ सिंह और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत एक दूसरे के सामने आ खड़े हुए हैं। जहां सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि किसी भी बड़े या छोटे अधिकारी को बक्शा नहीं जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व सीएम ने कहा कि कुंभ मेले में कोरोना की जांच में हुए फर्जीवाड़े की जांच होनी चाहिए। सरकार ने तत्काल इस मामले पर जांच के आदेश दिए यह काम अच्छा है। लेकिन मामले की पूरी जांच पारदर्शी हो, इसके लिए न्यायिक जांच जरूरी है।
इससे एक दिन पहले सीएम रावत ने फर्जीवाड़े पर बयान देकर कहा था कि यह मामले मेरे समय का नहीं है। लेकिन फिर भी हमने इस मामले पर जांच बैठा दी है। अब इस मामले की जांच हरिद्वार डीएम कर रहे हैं।
क्या है मामला?
हरिद्वार में आयोजित हुए कुंभ मेले के दौरान निजी लैब को कोविड टेस्ट के लिए लगाया गया था। सरकार से टेस्ट के नाम पर ज्यादा पैसा लेने के लिए प्राइवेट लैब ने फर्जी कोरोना टेस्ट कर दिए। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पंजाब के रहने वाले एक शख्स ने आईसीएमआर को शिकायत करते हुए बताया कि न तो वह कुंभ गया और न ही उसने कोई टेस्ट करवाया। लेकिन उसके पास कोरोना की जांच रिपोर्ट का मैसेज आया। तब यह मामसा संज्ञान में आया और हरिद्वार से जांच शुरू हुई।
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