Uttarkashi Tunnel Rescue: उम्मीद का 15वां दिन, उत्तरकाशी में आज से वर्टिकल ड्रिलिंग हुई शुरू

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का एक-एक दिन एक साल के बराबर है। लेकिन सुरंग के अंधेरे में उम्मीद की रोशनी है। मजदूरों को सुरंग में फंसे हुए 15 दिन का समय हो चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बचाव कार्य के लिए लगाए गए पाइप में ड्रिलिंग मशीन फंसने से मजदूरों को बाहर निकालने में दिक्कत आ रही है। मशीन के पार्ट्स को पूरी तरह से हटाने की कोशिश की गई है। साथ ही, वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या समस्या आई
मजदूर सुरंग के एंट्री गेट से 57 मीटर अंदर फंसे हुए हैं। उसमें से 45 मीटर खोदकर रेस्क्यू पाइप लगा दिया गया। पूरी ड्रिलिंग के बाद रेस्क्यू पाइप के अंदर मजदूरों को स्ट्रेचर पर बाहर निकालने की योजना बनाई गई। इसलिए शुक्रवार शाम को 45 मीटर से आगे तक ड्रिल करने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन से ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन काम शुरू करने के कुछ देर बाद ही उसका ब्लेड टूट गया और पाइप के अंदर फंस गया। पाइप के अंदर करीब 30 मीटर लंबी मशीनरी फंसी थी, जिसका 21.5 मीटर हिस्सा निकाला गया। बाकी निकालने के लिए हैदराबाद से कटर लाया गया। यह शनिवार शाम को सिलकारा पहुंचा और उम्मीद है कि रविवार सुबह तक अमेरिकी बरमा मशीन के पूरे टुकड़ों को हटा दिया जाएगा।
सीएम धामी ने किया था निरीक्षण
सीएम पुष्करसिंह धामी ने खुद टनल के अंदर जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। सिल्क्यारा सुरंग में फंसे ड्रिलिंग मशीन के ब्लेड को काटने के लिए प्लाज्मा कटर का उपयोग किया जाना चाहिए। यह मशीन हैदराबाद से हवाई मार्ग से लाई गई थी। अधिकारियों का कहना है कि सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित हैं। मजदूरों को भोजन के साथ-साथ ऑक्सीजन भी दी जा रही है। मजदूरों को टनल से कब बाहर निकाला जाएगा, इस पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है।
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