World Difficult Rescue Operations: सिलक्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालकर भारत ने बनाया रिकॉर्ड, पढ़ें दुनिया के बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की कहानियां

World Difficult Rescue Operations: सिलक्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालकर भारत ने बनाया रिकॉर्ड, पढ़ें दुनिया के बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की कहानियां
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World Most Difficult Rescue Operations: उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17वें दिन यानी मंगलवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। यह पहला मौका है, जब दुनिया के बड़े टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को भारत ने बेहद ही कम दिनों में पूरा किया है। पढ़िये दुनिया के सबसे लंबे टनल रेस्क्यू ऑपरेशन कहां और कितने दिन तक चले थे।

World Most Difficult Rescue Operations: उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों को 17वें दिन यानी मंगलवार को सुरक्षित निकाल लिया गया। इन मजदूरों को पाइप से पानी और खाना मुहैया कराया जा रहा था और रोजाना बात करके उनके स्वास्थ्य की भी जानकारी ली जा रही थी। यही कारण रहा कि टनल से बाहर निकलने वाले मजदूर मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ नजर आए। केवल देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों की भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर थी। हर कोई प्रार्थना कर रहा था कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिक सुरक्षित बाहर निकाल लिए जाए। अब इस रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता के लिए भारत की दुनियाभर में सराहना की जा रही है। यह पहला मौका नहीं है, जब प्राकृतिक आपदा विकासशील देशों के लिए ही नहीं बल्कि संपन्न देशों के लिए भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता पाना बड़ी चुनौती बन गया था। तो चलिये बताते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े टनल रेस्क्यू ऑपरेशन कब, कहां चले और किस देश को अपने लोगों को बचाने में कितना समय लगा।

दुनिया का सबसे लंबा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन चिली में हुआ

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया का सबसे पहला टनल रेस्क्यू ऑपरेशन चिली में हुआ था। घटना 13 साल पहले यानी 5 अगस्त 2010 की थी, जहां सोने की खादान की मेन रैंप ढह जाने से 33 श्रमिक सुरंग में फंस गए थे। 18 दिन ऐसे थे, जहां इन श्रमिकों को न तो खाना मिला और न ही पानी। सभी को लगा कि अब तक श्रमिकों के जीवित रहने की संभावना नहीं है। बावजूद इसके रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा। 3300 फीट गहरी सुरंग में फंसे इन श्रमिकों को निकालने के लिए लोहे का कैप्सूल बनाकर सुरंग के भीतर भेजने की प्रक्रिया शुरू की। इस बीच जब पता चला कि श्रमिक सुरक्षित हैं, तो सबकी आंखों में चमक आ गई। श्रमिकों तक खाना-पानी पहुंचाया गया। सभी 33 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कुल 69 दिन का समय लगा। चूंकि इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने में 69 दिन का समय लगा, लिहाजा इसे सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन माना गया।

दुनिया का दूसरा लंबा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन थाईलैंड में चला

दुनिया का सबसे दूसरा लंबा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पांच साल पहले 2018 में थाईलैंड में चला था। ये घटना 23 जून 2018 की है, जहां जूनियर फुटबॉल टीम के 12 खिलाड़ी अपने कोच समेत गुफा में फंस गए थे। दरअसल, भारी बारिश से बचने के लिए ये सभी गुफा में घुस गए थे, लेकिन पानी भर जाने की वजह से बाहर नहीं निकल पाए। थाईलैंड सरकार को जब इस घटना की जानकारी मिली तो तुरंत रेस्क्यू टीमों को मौके पर भेजा गया। गोताखोरों की टीम करीब नौ दिन तक खोजबीन में रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया। मजबूत इच्छाशक्ति और प्रार्थनाओं की बदौलत आखिरकार इन सभी खिलाड़ियों और कोच का पता लगा लिया गया। इन्हें सुरक्षित बाहर निकालने में कुल 18 दिन का समय लगा। गुफा से बाहर आए कोच ने बताया था कि उनके पास खाने का कोई सामान नहीं था। उन्होंने बच्चों को बताया था कि वे किस तरह पानी पीकर खुद को कितने दिनों तक जीवित रख सकते हैं। जिंदगी जीने की इच्छाशक्ति ने ही इन सभी खिलाड़ियों को सुरक्षित रखा। बता दें कि इसके बाद सभी स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को जागरूक किया गया कि अगर किसी विषम परिस्थिति में फंस जाए तो जीवित रहने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

दुनिया का तीसरा लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन ऑस्ट्रेलिया में चला

ऑस्ट्रेलिया का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाले देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है। करीब 17 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के टैजमेनिया में अप्रैल 2006 में भूकंप आया था। यहां टॉड रसेल और ब्रेंट वेब नामक दो व्यक्ति मलबे के नीचे फंस गए थे। रेस्क्यू टीमों ने जब मलबे में फंसे लोगों को तलाशने के लिए अभियान चलाया तो पता चला कि ये दोनों जीवित हैं। हालांकि इन दोनों को बाहर निकालना बेहद मुश्किल था। दोनों कई दिनों तक भूखे फंसे रहे। ऑस्ट्रेलिया की रेस्क्यू टीमों ने 14 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इनके सुरक्षित बाहर निकालने के बाद पूरे शहर में जश्न मनाया गया।

भारत ऐसा लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाला चौथा देश बना

उत्तराखंड का उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन दुनिया का चौथा मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया और टनल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है। सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को 18 दिन से पहले बाहर निकाल लिया गया, तो भारत ऐसा पहला देश बन जाएगा, जिसने कम समय में सबसे मुश्किल टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया है। मंगलवार को उत्तरकाशी में बारिश और बर्फबारी की भी संभावना जताई गई थी। रात सात बजे तक उम्मीद टूटने लगी थी कि अब मजदूरों को बुधवार की सुबह ही सुरंग से बाहर निकाला जाएगा। लेकिन रेस्क्यू टीमों ने हार नहीं मानी और बचाव अभियान जारी रखा। नतीजा ये हुआ कि 17वें दिन की रात को ही सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया और भारत कम समय में सबसे मुश्किल टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने वाला पहला देश बन गया।



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