Uttarkashi Tunnel: 50 घंटे से सुरंग में फंसी 40 जिंदगियां, स्टील पाइप के जरिये मजदूरों को निकालने की कोशिश

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में रविवार को भूस्खलन के बाद एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे लगभग 40 मजदूर फंस गए। मलबे को हटाने और मजदूरों को बचाने के लिए बचाव कार्य जारी है। खाना और पानी सुरंग में भेजा जा रहा है। इसके साथ ही, पाइप के जरिए ऑक्सीजन भी भेजी जा रही है। हालांकि बचावकर्मियों ने कहा कि उन्हें वापस लाने में एक दिन का समय और लग सकता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मौके पर जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन का निरीक्षण किया।
कहां के कितने मजदूर
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने फंसे हुए 40 मजदूरों की सूची जारी की है। इनमें पश्चिम बंगाल के तीन के अलावा झारखंड के सबसे अधिक 15 मजदूर शामिल हैं। इसके अलावा यूपी से आठ, ओडिशा से पांच, बिहार से चार, उत्तराखंड और असम से दो-दो और हिमाचल प्रदेश से एक मजदूर है। वहीं, बचाव दल ने 28 मीटर तक मलबा हटा दिया है। करीब 32 मीटर और मलबा हटाने की जरूरत है। समस्या यह है कि जैसे-जैसे मलबा साफ होता जाता है ताजा कीचड़ गिरता रहता है। इसे रोकने के लिए, बचावकर्मी मशीनों से शॉटक्रेटिंग (कंक्रीट छिड़काव) कर रहे हैं, जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया है।
स्टील पाइप की मदद से मजदूरों को निकालने की तैयारी
सिल्कयारा सुरंग उत्तराखंड के चारधाम तक अच्छी सड़कें बनाने की नरेंद्र मोदी सरकार की परियोजना का एक हिस्सा है। यमुनोत्री मार्ग पर प्रस्तावित सुरंग 4.5 किमी लंबी होगी। सिल्कयारा की ओर 2.3 किमी और बड़कोट की ओर 1.7 किमी सुरंग लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में कर्मचारी बीच में ही फंस गए हैं। केंद्र और राज्यों की विशेष रूप से प्रशिक्षित बचाव टीमें, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सीमा रोडवेज बल बचाव अभियान चला रहे हैं। इसके साथ ही, अब अधिकारियों ने ऑगर ड्रिलिंग मशीन बुलाई है, जो मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाएगी और ऑगर ड्रिलिंग मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है।
ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि फंसे हुए मजदूरों तक खाना, ऑक्सीजन और पीने का पानी रबर पाइप के जरिये पहुंचाया जा रहा है। साथ ही, उनसे वॉकी-टॉकी के जरिये संपर्क किया जा रहा है। फिलहाल अंदर एक चौड़ा स्टील पाइप लगाने का प्रयास जारी है। जिसके जरिए मजदूर एक-एक करके बाहर आएंगे। अगर यह उपाय भी काम नहीं आया तो इसके अलावा तीन और रास्ते हैं।
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