वाराणसी में ब्लाइंड स्कूल की चार क्लासें हुई बंद, हाईकोर्ट में याचिका दायर

वाराणसी में ब्लाइंड स्कूल की चार क्लासें हुई बंद, हाईकोर्ट में याचिका दायर
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के ब्लाइंड स्कूल की चार क्लासों को बंद कर दिया गया है। ट्रस्ट ने इन क्लासों को बंद करने का कारण आर्थिक तंगी को बताया है। इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के ब्लाइंड स्कूल की चार क्लासों को बंद कर दिया गया है। ट्रस्ट ने इन क्लासों को बंद करने का कारण आर्थिक तंगी को बताया है। इसके लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।

कोरोना की वजह से हुई आर्थिक तंगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के ब्लाइंड स्कूल पर भी कोरोना का प्रभाव पड़ रहा है। श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मृति सेवा ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष कृष्ण कुमार जालान ने कहा है कि कोरोना के कारण स्कूल आर्थिक तंगी का शिकार हो गया है।

इस कारण से स्कूल की 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षाओं को बंद करने का फैसला किया गया है। इस बारे में स्कूल प्रशासन ने छात्रों के परिवार को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है, जिसमें बताया गया है कि आर्थिक तंगी की वजह से इन क्लासों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

1972 में हुई थी स्थापना

बता दें कि श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मृति सेवा ट्रस्ट की स्थापना 26 मार्च 1972 को वाराणसी में की गई थी। इसके बाद ट्रस्ट ने दुर्गाकुंड में अंधे छात्रों के लिए आवासीय अंध विद्यालय की शुरूआत की।

इस स्कूल में 1993 से 12वीं के बच्चों की पढ़ाई शुरू की गई। लेकिन अब कोरोना के कारण इस स्कूल पर मुसीबत आ खड़ी हो गई है। इस स्कूल की कार्यकारिणी समिति में कुल 18 सदस्य हैं, जो व्यापार करते हैं। जानकारों का मानना है कि इसी व्यापार के लिए ये लोग स्कूल को बंद कर देना चाहते हैं।

हाईकोर्ट में याचिका दायर

जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय दृष्टिबाधित संघ के महासचिव संतोष कुमार रूंगटा ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। संतोष कुमार पेशे से सीनियर वकील हैं। इसके अलावा प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ विजुअली चैलेज्ड संस्था ने नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी है। साथ ही उनसे सहायता की भी मांग की है।

संतोष ने कहा है कि आर्थिक तंगी वाली बात बिल्कुल गलत है। वो लोग स्कूल की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। बता दें कि यह स्कूल प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आता है, इसलिए इस स्कूल की कक्षाओं के बंद होने पर सवाल उठने लगे हैं।

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