वारदात! जब पंचायत के आदेश के बाद बेटे ने 5 साल तक मां-बाप को कमरे में रखा बंद, जानें पूरा मामला

झारखंड के बोकारो में एक बड़ी वारदात सामने आई है। जहां पर पंचायत के फरमान जारी करने के बाद एक बेटे ने अपने माता पिता को 5 साल तक घर में कैद रखा। लेकिन उनकी बेटी ने उन्हें आखिरकार छुड़वा दिया। यह पूरा मामला बोकारो के बालीडीह थाना क्षेत्र के निवासी शंभू महतो के परिवार का है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बोकारो में रहने वाले शंभू महतो के परिवार में उसके बेटे ने एक अंतरजातीय विवाह किया था। जिसका मां-बाप ने पूरा समर्थन दिया। लेकिन उसी बेटे ने पंचायत के आदेश के बाद अपने माता-पिता को कमरे के अंदर बंद कर दिया। 5 साल से एक अंधेरे कमरे में दोनों रह रहे थे। दोनों को ही भरपेट खाना नहीं दिया था, ना ही दोनों को देखभाल के लिए कोई था।
जबकि उनकी बेटी ने अपने मां-बाप की सुध ली और पुलिस को जानकारी देने के बाद माता पिता को बेटे ने छुड़वाया है। जानकारी के लिए बता दें की शंभू महतो बोकारो स्टील प्लांट से सेवानिवृत्त है। उसके चार बेटे हैं और एक बेटी थी । शंभू मेहता के छोटे बेटे ने अंतरजातीय विवाह किया था। जिसका इलाके के लोगों ने विरोध किया और इसके बाद एक पंचायत की बैठक बुलाई गई।
जिसमें मुखिया ने एक फरमान जारी करते हुए कहा कि अंतरजातीय विवाह करने वाले अनु कुमार के परिवार को पूरी तरह से समाज से बहिष्कार कर दिया गया और साथ ही परिवार से संबंध रखने वाले सभी लोगों को उनसे दूर रहने का आदेश भी दिया गया। इस दौरान पंचायत के फरमान के बाद तीन बेटे समाज के डर से दूर चले गए। लेकिन बुजुर्ग दंपति छोटे बेटे के साथ रहने लगे।
बेटे ने बुजुर्ग मां-बाप को एक कमरे में बंद कर दिया। उसी कमरे का बिजली कनेक्शन भी काट दिया। खाना पीना नहीं दिया और इसके बाद उनकी मिलने वाली पेंशन को भी बेटे ने छीन लिया। लेकिन इस मामले में तब बड़ा मोड़ आया,जब बेटी ने अपने मां बाप की सुध लेने की कोशिश की और इसके बाद जब उनकी हालत देखी तो उसने पुलिस को जानकारी दी और उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को मुक्त कराया।
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