Vijay Diwas 2020: भारत-पाकिस्तान के बीच चार बार हुआ है यु्द्ध, जानें 5 रोचक बातें

Vijay Diwas 2020 (विजय दिवस 2020) : भारत के इतिहास में 16 दिसंबर एक महत्वपूर्ण दिन कहा जाता है। भारत में इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विजय दिवस, देश पर जान कुर्बान करने वाले जवानों की याद में हार साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। वर्ष 1971 में भारत और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच पूर्वी पाकिस्तान में लोगों पर अत्याचार के खिलाफ युद्ध हुआ था। जिसके बाद बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) का जन्म हुआ। इस भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने इंडियन आर्मी के आगे अपने घुटने टेक दिए थे। बता दें कि देश की आजादी के बाद भारत में पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए थे लेकिन सबसे ज्यादा 1971 और 1999 में हुए कारगिल युद्ध को सबसे ज्यादा याद किया जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1947, 1965, 1971 और 1999 में युद्ध हुआ है।
जानें 5 रोचक बातें
1- 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को 16 दिसंबर को 49 साल हो जाएंगे। इस दिन पाकिस्तान के सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे। देश के विभाजन के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच1947, 1965, 1971 और 1999 में युद्ध हुए है। 1971 के इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपने करीब 1500 बहादुर सैनिकों को खो दिया था। ये उस समय की सबसे बड़ी क्षति थी। इस क्षति को आज भी पूरा नहीं किया जा सकता है।
2- बता दें कि 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों ने युद्ध के दौरान सफेद झंडा दिखाकर, खुद को इंडियन आर्मी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। यह जो युद्ध था बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का परिणाम था, जब बांग्लादेश पाकिस्तान से आजादी हुआ था। खास बात आपको बता दें पहले पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) पूकारा जाता था।
3- युद्ध में भारत की जीत से बांग्लादेश का जन्म हुआ। जोकि भारतीय सेना के लिए जश्न का एक बड़ा था। इसलिए, इस दिन (16 दिसंबर) को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय सेना की जीत का स्मरण करने के लिए पीएम से लेकर एक नागरिक कर उनके बलिदान को याद करता है।
4- बताया जाता है कि 16 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य युद्ध 3 दिसंबर तक ढाका पहुंचते-पहुंचते कम हो गया था।
5- भारत-पाकिस्तान के हुए इस युद्ध में दोनों तरफ से करीब 4000 हजार सैनिक इस युद्ध में शहीद हुए थे। ऐसे कहा जाता है कि युद्ध के दौरान बांग्लादेश के 3 लाख लोग मारे गए थे।
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