Vijay Diwas 2021: पीएम मोदी ने जवानों के साहस और बलिदान को किया याद, राजनाथ सिंह बोले- 1971 का युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय

Vijay Diwas 2021 (विजय दिवस 2021) : भारत के इतिहास में 16 दिसंबर का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि, 16 दिसंबर के दिन को भारत में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विजय दिवस भारत के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले जवानों की याद में हार हर वर्ष मनाया जाता है। साल 1971 में भारत और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच पूर्वी पाकिस्तान में लोगों पर अत्याचार के खिलाफ युद्ध हुआ था। जिसके बाद बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) का जन्म हुआ। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को धूप चटा दी थी। लेकिन इस युद्ध में भारतीय सेना का जवान भी शहीद हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने देश पर जान कुर्बान करने वाले जवानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
विजय दिवस की स्वर्ण जयंती पर वीर सैनिकों को नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में स्वर्णिम विजय मशालों के श्रद्धांजलि और स्वागत समारोह में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान समारोह में पहुंचकर युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस के अवसर पर चार मशालों को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रज्वलित मशाल के साथ मिलाया। इन मशालों को देशभर में घुमाया गया था। लेकिन इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 50वें विजय दिवस पर मैं मुक्तिजोद्धों, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीरता और बलिदान को याद करता हूं। हमने साथ मिलकर दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय सैनिकों के अद्भुत साहस व पराक्रम के प्रतीक विजय दिवस की स्वर्ण जयंती पर वीर सैनिकों को नमन करता हूं। 1971 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने दुश्मनों पर विजय कर मानवीय मूल्यों के संरक्षण की परंपरा के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ा था।
1971 का युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर हम 1971 के युद्ध के दौरान अपने सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को याद करते हैं। 1971 का युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। हमें अपने सशस्त्र बलों और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चेन्नई में स्वर्णिम विजय वर्ष पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। इनके अलावा भी कांग्रेस नेताओं और अन्य ने भी स्वर्णिम विजय सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया है।
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