Violence In Bengal : असम में रह रहे 'बंगाल पीड़ितों' से मिलने पहुंचे राज्यपाल धनखड़, सीएम ममता पर लगाया बड़ा आरोप

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) के बाद हुई हिंसा के चलते पलायन कर असम के कैंप में रह रहे पीड़ित लोगों से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep dhankhar) मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने असम (Assam) के रणपगली (Ranpagli) में रह रहे बंगाल के लोगों से मुलाकात की। राज्यपाल का श्रीरामपुर कैंप ( Srirampur camps) में रह रहे बंगाल के लोगों से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम निर्धारित है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल धनखड़ ने बंगाल में चुनावी हिंसा के लिए सीधे-सीधे सीएम ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री का व्यवहार उचित नहीं था। यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात हो रहा है, हम कानून-व्यवस्था से दूर जा रहे हैं। इसकी शुरुआत चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने की, जब उन्होंने पहली बार जनता को चेतावनी दी कि केंद्रीय बल कब तक रहेंगे, उनके जाने के बाद कौन बचाएगा। मुझे उनसे इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी।
चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री का व्यवहार उचित नहीं था। यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ था: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ pic.twitter.com/3zG2Rfq9yc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 13, 2021
पांवों में गिर गए लोग
राज्यपाल धनखड़ जब राहत शिविरों में पहुंचे तो वहां रह रहे बंगाल के लोगों ने उनके पांव पकड़ लिए। दावा किया जा रहा है कि इनमें ज्यादर लोग भाजपा समर्थक हैं, जिन्हें बंगाल से पलायन करने को मजबूर कर दिया गया। राज्यपाल ने लोगों से लंबी बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्द ही हालात ठीक होंगे।
असम: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रणपगली में कैंप का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की। चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की वजह से यहां कुछ लोगों ने शरण ली है। pic.twitter.com/gPTX3roTOs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 14, 2021
सीएम को याद दिलाया था राजधर्म
बता दें कि राज्यपाल धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी में हमेशा तनातनी रहती है। दोनों के बीच तल्खी का अंदाजा यहां से लगाया जा सकता है कि ममता बनर्जी जब तीसरी बार सीएम पद की शपथ ले रही थी तो उस समारोह के दौरान भी राज्यपाल धनखड़ ने उन्हें राजधर्म की याद दिलाते हुए प्रदेश में हो रही हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी।
इस पर सीएम ममता बनर्जी ने यह कहते हुए जवाब दिया था कि अभी तक प्रदेश की कानून व्यवस्था की बागडोर चुनाव आयोग के पास थी। आज से वो स्वयं इसे देखेंगी और हिंसा करने वाला कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि इसके बाद भी बंगाल में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। भाजपा जहां इसके लिए सीएम ममता को जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं सीएम ममता यह कहकर पलटवार कर चुकी हैं कि भाजपा को उनकी जीत बर्दाश्त नहीं हो पाई और इसलिए ही प्रदेश का माहौल और छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है।
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