वीके शशिकला बोलीं- कभी भी सत्ता या पद की लालसा नहीं थी, संन्यास से राजनीतिक गलियारों में खलबली

तमिलनाडु में आगमी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारे में उस समय खलबली मच गई जब वीके शशिकला ने राजनीति से अचानक संन्यास का ऐलान कर दिया। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के बेहद करीबी मानें जाने वाली वीके शशिकला हाल ही में जेल से रिहा हुई हैं।
शशिकला के जेल से बाहर आने के बाद चुनाव लड़ने की खबरें आ रही थीं, लेकिन अब उनके राजनीतिक संन्यास से इन सभी अटकलों पर विराम लग गया है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, वीके शशिकला ने राजनीति से सन्यास के बाद कहा कि उन्हें कभी भी सत्ता या पद की लालसा नहीं रहा है। वें हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम करती रहेंगी।
इसके अलावा वीके शशिकला ने कहा कि वे जे. जयललिता दिखाये रास्ते पर चलती रहेंगी। साथ ही वीके शशिकला ने एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं से अपली करते हुए कहा कि वे आगामी तमिलनाडु चुनाव में एकजुट रहें।
डीएमके दुष्ट शक्तियों से बनी हुई है
शशिकला ने कहा जयललिता (अम्मा) कहा करती थीं, डीएमके दुष्ट शक्तियों से बनी हुई है। अब अम्मा तो नहीं हैं, पर उनके कार्यकर्ताओं को डीएमके को हराने के लिए कार्य करना चाहिए। ताकी एक बार फिर से एआईएडीएमके पार्टी का सुनहरा शासन आए। साथ ही उन्होंने जनता का आभार भी व्यक्त किया। मैं राजनीति से दूर रहूंगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि वीके शशिकला को साल 2016 में जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके (AIADMK) का महासचिव चुना गया था। वो तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रही थी। लेकिन शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार जेल की सजा हुई। इसके बाद पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम के गुट एक हुए और शशिकला को पार्टी से निष्कासित कर दिया।
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