Budget 2023 Expectations: निर्मला सीतारमण के बजट से महिलाओं को हैं ये उम्मीदें, जानें उनकी राय

Budget 2023 Expectations: निर्मला सीतारमण के बजट से महिलाओं को हैं ये उम्मीदें, जानें उनकी राय
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देश में केंद्रीय बजट पेश होने जा रहा है। इस बजट को लेकर महिलाओं को बहुत उम्मीदें होती है, क्योंकि इसी बजट के जरिए तय होता है कि इस बार सरकार लोगों को रियायत देगी या फिर स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।

कल देश में केंद्रीय बजट पेश होने जा रहा है। इस बजट को लेकर महिलाओं को बहुत उम्मीदें होती है। क्योंकि इसी बजट के जरिए तय होता है कि इस बार सरकार लोगों को रियायत देगी या फिर स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी। चलिए जानते हैं महिलाओं को बजट से क्या उम्मीदें हैं।

देश का केंद्रीय बजट 2023-24 एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। बजट में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाला बजट आम लोगों की जेब पर ज्यादा असर नहीं डालेगा। एक साल में आने वाले इस बजट से मध्यम वर्ग के आम नागरिक, युवक, महिलाओं और छात्रों को बड़ी उम्मीदें रहती है। इसी से निर्धारित होता है कि आने वाला एक साल कैसा जाएगा। कुछ रियायत मिलेगी या नहीं। इसी बजट के मद्देनजर महिलाओं ने अपनी कुछ उम्मीदें जाहिर की हैं।

सिलेंडर, पेट्रोल और डीजल के दामों में मिले कुछ रियायत

कल पेश होने वाले बजट से लेकर एक गृहिणी पूजा ने यह उम्मीदें जताई है, उन्होंने कहा कि राशन, गैस सिलेंडर और पेट्रोल के बढ़ते दामों से पूरे घर का बजट बिगड़ जाता है। दिन-ब-दिन आमदनी कम होती जा रही है। सरकार से यही उम्मीद करते हैं कि इस बार कुछ ऐसा बजट लाए जाए, कि जिससे सीधे तौर पर मध्यम वर्गीय परिवार को लाभ पहुंच सके। ताकि महीने में आने वाली सैलरी का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।

बच्चों की पढ़ाई लिखाई के खर्च में मिले कुछ राहत

एक महिला ने कहा कि हर साल आने वाले बजट से मध्यमवर्गीय परिवार को जो कर चुकाते है, ज्यादा आस होती है। इस बजट से सीधे तौर पर मध्यमवर्गीय परिवार को ही कम लाभ पहुंचता है, लेकिन इस बार हमें सरकार से बहुत उम्मीदें हैं कि बच्चों की स्कूल की फीस और स्कूल से जुड़ी अन्य गतिविधियों के खर्च पर रियायत मिलनी चाहिए। ताकि मध्यम वर्ग की जेब ज्यादा ढिली न हो।

महंगाई पर काबू पाना जरूरी

वहीं, कल पेश होने वाले इस बजट से आरती नाम की एक महिला ने उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत की आबादी दिन-ब-दिन तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। बढ़ती आबादी के बीच सरकार को हर वर्ग की उम्मीदों को पूरा कर पाना संभव नहीं हैं, लेकिन बस यहीं इच्छा है कि बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण कर लें और पूरे साल के खर्चे को हम संतुलित करके चला सके कुछ इस प्रकार का बजट पेश लाया जाए।

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