Sunday Special: जानें क्या होता है एंटी ड्रोन सिस्टम, यहां पढ़ें इससे जुड़ी पूरी जानकारी

संडे स्पेशल में हम बात करे रहे हैं इन दिनों चर्चा में रहने वाले देश की सुरक्षा के लिए जरूरी एंटी ड्रोन सिस्टम की। हाल ही में जम्मू कश्मीर हुए ड्रोन हमलों के बाद से रही सरकार अलर्ट हो गई है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन इसकी तैयारी कर रही है। लेकिन उससे पहले हमें जानना होगा कि आखिर ड्रोन क्या होता है और इसका इस्तेमाल किस लिए किया जाता है। ड्रोन को इंसान के द्वारा रिमोर्ट से चलाया जाता है। लेकिन एंटी ड्रोन पूरी तरह से मानव रहित होते हैं। जो अपने टारगेट को नष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम होते हैं। ऐसे में आईए जानते हैं कि आखिर एंटी ड्रोन क्या होते हैं, कैसे काम करते हैं और इसकी कीमत कितनी होती है। साथ ही इसका फायदा क्या है। अभी तक किन देशों के पास एंटी ड्रोन सिस्टम है....
ड्रोन क्या है (what is a drone)
एंटी ड्रोन को समझने के लिए पहले हमें ड्रोन को समझना होगा। ड्रोन यूएवी या मानव रहित हवाई वाहन होता है। जिसे हम एक रोबोट कह सकते हैं। जो उड़ाने के काम आता है। आपने देखा होगा जब किसी इलाके में हिंसा होती है तो ड्रोन पर कैमरा लगाकर इलाके की हलचल पर नजर रखी जाती है या शादी समारोह में आजकर कैमरा ड्रोन का चल काफी है। रिमोट कंट्रोल सिस्टम की मदद से इसे कंट्रोल किया जाता है। जबकि सेना के लिए यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) या आरपीएएस (रिमोटली पाइलेटेड एरियल सिस्टम) हैं। जबकि उन्हें आमतौर पर ड्रोन ही कहा जाता है।
एंटी ड्रोन सिस्टम क्या होता है (what is anti drone system)
एंटी ड्रोन 3 किलोमीटर की दूरी से छोटे ड्रोन का पता लगाने में सक्षम होता है। इसके अलावा ये एक से लेकर ढाई किमी के दायरे में मार करने में भी सक्षम हैं। एंटी ड्रोन विशेष रूप से अन्य ड्रोन का पता लगाने का काम करता है।
कैसे काम करता है एंटी ड्रोन सिस्टम (How Anti Drone System Works)
एंटी ड्रोन का काम किसी खतरे को लेकर सेना को अलर्ट करना या फिर ड्रोन को निष्क्रिय करना होता है। जो देश की सीमा पर चक्कर लगाकर संदिग्ध ड्रोन का पता लगाते हैं। जबकि कुछ ऐसी तकनीके हैं, जो सीधे हमले से ड्रोन पर हमला करती हैं और उसे मार गिराते हैं। इसी तकनीक को एंटी ड्रोन सिस्टम कहा जाता है। जल्द ही भारत के पास भी स्वदेशी एंट्री ड्रोन सिस्टम होगा। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर पहली बार एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया जाएगा।
इन देशों के पास है एंटी ड्रोन पावर (In which countries is the discussion of anti-drone system)
राफेल द्वारा इजरायल में बनाई गई ड्रोन रोधी तकनीक सबसे ज्यादा चर्चा में रहती है। इसके अलावा भारत के पास डीआरडीओ का एंटी-ड्रोन है। वहीं अमेरिका जैसे पावर फुल देश के पास भी एंटी ड्रोन हंटर है।
एंटी-ड्रोन की क्या है कीमत (what is the cost of anti-drone)
ड्रोन की कीमत तो कई जगहों पपर आपरो ऑनलाइन मार्किट से मिल जाएगी। लेकिन एंटी ड्रोन बनाने की कीमत कंपनी कितनी रखती है, उसके बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। किसी देश में कौन सी एंटी-ड्रोन तकनीक है और कैसे उसे विकसित किया गया है। उसकी कीमत हर देश में अलग हो सकती है।
ड्रोन कितने तरह के होते हैं (How many types of drones)
ड्रोन पांच तरह के होते हैं, जिसमें नैनो ड्रोन, माइक्रो ड्रोन, छोटे ड्रोन, मध्यम ड्रोन, लार्ज ड्रोन होते हैं, जिनका वजन 250 ग्राम से लेकर 2 किलो ग्राम से कम होता है, हर ड्रोन का वजन अलग है। नैनो ड्रोन का वजन 250 ग्राम तक, माइक्रो ड्रोन का वजन 250 ग्राम से ज्यादा और 2 किलो से कम होता है। छोटे ड्रोन का वजन कम से कम 25 किलोग्राम होता है। मध्यम ड्रोन और लार्ज ड्रोन 150 किलोग्राम से कम होता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS