कोरोना वैक्सीन COVAXIN को डब्ल्यूएचओ ने दी मंजूरी, स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर कही ये बात

लंबे इंतजार के बाद पूरी तरह से स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवैक्सीन (Covaccine) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) से अनुमति मिल गई है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने बुधवार को कोवैक्सिन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी। बुधवार को हुई डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल कमेटी (Technical Committee) की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि भारत में इस वैक्सीन का निर्माण करने वाली कंपनी भारत बायोटेक और भारत सरकार द्वारा इसे मंजूरी दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। जिसपर पिछले हफ्ते डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक से अतिरिक्त जानकारी मांगी थी। आपातकालीन उपयोग सूची के लिए तकनीकी सलाहकार समूह (EUL) एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो डब्ल्यूएचओ को सिफारिशें प्रदान करता है कि क्या एक कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को आपातकालीन उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है।
वही डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया भर के नियामक विशेषज्ञों से बने एक तकनीकी सलाहकार समूह ने यह निर्धारित किया है कि वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कोविड से बचाव के मानकों पर खरी उतरती है। वैक्सीन के लाभ जोखिमों से कहीं अधिक हैं और वैक्सीन का उपयोग दुनिया भर में किया जा सकता है। वहीं, गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए कोवैक्सीन के संबंध में आंकड़े अपर्याप्त हैं।
यह समर्थ नेतृत्व की निशानी है,
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) November 3, 2021
यह मोदी जी के संकल्प की कहानी है,
यह देशवासियों के विश्वास की ज़ुबानी है,
यह आत्मनिर्भर भारत की दिवाली है।
Thanking @WHO for granting emergency use listing ( EUL) to Made-in-India #Covaxin
बता दें डब्ल्यूएचओ ने अब तक छह टीकों को मंजूरी दी है जिनमें फाइजर/बायोएनटेक की कोमिरनेटी, एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन, मॉडर्न की एमआरएनए-1273, सिनोफार्म की बीबीआईबीपी-कोरवी और सिनोवैक की कोरोनावैक शामिल हैं। वही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूरी मिलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने ट्वीट कर धन्यवाद दिया है। मंडाविया ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यह सक्षम नेतृत्व की निशानी है, यह मोदी जी के संकल्प की कहानी है, यह देशवासियों की आस्था की भाषा है, यह आत्मनिर्भर भारत की दिवाली है।
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