Justice Nazir के राज्यपाल बनने पर बवाल क्यों? राम मंदिर मामले में थे शामिल, जानें फैसला सुनाने वाले पांचों जज आज कहां हैं

Justice Nazir के राज्यपाल बनने पर बवाल क्यों? राम मंदिर मामले में थे शामिल, जानें फैसला सुनाने वाले पांचों जज आज कहां हैं
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सरकार ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश समेत 13 राज्यों के राज्यपाल बदले हैं। इस फेरबदल के बाद किसी को उपराज्यपाल से राज्यपाल बनाया गया है तो वहीं नई नियुक्तियां भी की हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया है।

सरकार ने हाल ही में एक केंद्र शासित प्रदेश समेत 13 राज्यों के राज्यपाल बदले हैं। इस फेरबदल के बाद किसी को उपराज्यपाल से राज्यपाल बनाया गया है तो वहीं नई नियुक्तियां भी की हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने पूर्व जस्टिस नजीर को राज्यपाल बनाने को लेकर निशाना साधा है। विपक्षी पार्टियों ने इस नियुक्ति की आलोचना करते हुए इसे 'न्यायपालिका के लिए खतरा' बताया है।

पूर्व जज अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट में जज रहते हुए कई अहम फैसलों वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं। इसमें 2019 में अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला भी शामिल है। इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था। इस बेंच में रंजन गोगोई, जस्टिस बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नजीर शामिल थे। चलिए आपको बताते हैं कि इस समय ये जज कहां और क्या कर रहे हैं?

जस्टिस रंजन गोगोई

जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से सीजेआई के पद से रिटायर हुए थे। इसके बाद उन्हें राष्ट्रपति ने राज्यसभा के सांसद के तौर पर मनोनीत किया था। वह राज्यसभा पहुंचने वाले तीसरे जज थे, हालांकि, राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत पहले जज थे।

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने रंजन गोगोई की जगह ली थी और 23 अप्रैल 2021 को सीजेआई पद से रिटायर हुए थे। जस्टिस बोबडे 8 साल सुप्रीम कोर्ट में जज रहे। वह महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर के चांसलर हैं।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के मौजूदा सीजेआई हैं। उन्होंने भारत के 50वें चीफ जस्टिस के तौर पर नवंबर 2022 में शपथ ली थी। वह भारत के सबसे लंबे समय तक चीफ जस्टिस रहने वाले जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं।

जस्टिस अशोक भूषण

जस्टिस अशोक भूषण जुलाई 2021 को रिटायर हुए थे। इसके बाद उन्हें नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल का चेयरपर्सन बनाया गया। जहां उनका कार्यकाल चार साल के लिए है। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने अक्टूबर 2021 में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी थी।

जस्टिस अब्दुल नजीर

जस्टिस अब्दुल नजीर जनवरी 2023 में ही सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए है। इसके एक महीने बाद उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। वह अयोध्या राम मंदिर मामले में फैसला सुनाने वाले 5 जजों में से एकमात्र मुस्लिम थे। इसके साथ ही नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाने वाले जजों की बेंच में भी शामिल थे।

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