सूरत में लॉकडाउन के बीच घर जाने के लिए सड़कों पर उतरे मजदूर, बोले- 17 दिनों से नहीं है कोई हमारा ठिकाना

देश में कोरोना जैसी महामारी के बीच 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉक डाउन के बीच गुजरात के सूरत में लॉक डाउन के दौरान घर जाने की जिद में सड़कों पर हजारों मजदूर निकल आए हैं। जिनका कहना है कि उन्हें बीते 17 दिन से खाने का कोई भी ठिकाना नहीं मिल रहा है। सूरत में फंसे इन मजदूरों ने पत्थरबाजी के साथ कई गाड़ियों में आग लगा दी। बता दें कि बीते इन मज़दूरों ने सब्जी की लोरियां, एंबुलेंस और आम लोगों की गाड़ियों में आग लगा दी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते शुक्रवार को लॉक डाउन के दौरान सूरत में जमकर बवाल मचा। डायमंड बुर्स से काम करने वाले यह मजदूर सड़कों पर उतर आए। इन मजदूरों ने काम शुरू करवाने या फिर घर जाने के लिए सड़कों पर उतरे। वह इन्होंने हंगामे के दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी। तो वही एंबुलेंस और रहगिरी गाड़ियों पर जमकर तोड़फोड़ की।
इस दौरान सूरत के डीसीपी ने जानकारी देते हुए कहा कि सूरत में फंसे बाहर के मजदूरों ने सड़क पर जमकर बवाल काटा और पत्थरबाजी के साथ आगजनी की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 70 लोगों को हिरासत में ले लिया है और यह सभी लोग घर जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे।
जानकारी के लिए बता दें कि इन मजदूरों में ज्यादातर उड़ीसा के रहने वाले हैं। जो अपने गांव वापस जाना चाहते हैं। वह पिछले कई हफ्तों से सूरत में फंसे हुए हैं और वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने डायमंड नगर और विपुल में पेट्रोलिंग बढ़ाने का फैसला किया है। ताकि फिर से कोई इस तरह की घटना सामने ना सके।
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