World Environment Day 2021: आप भी करेंगे पृथ्वी को पहले जैसा बनाने में मदद ? जानिये विश्व पर्यावरण दिवस की इस बार वाली थीम क्यों है चर्चा में

World Environment Day 2021: आप भी करेंगे पृथ्वी को पहले जैसा बनाने में मदद ? जानिये विश्व पर्यावरण दिवस की इस बार वाली थीम क्यों है चर्चा में
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विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 05 जून को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। इस बार की थीम ऐसी है, जो बेहद चर्चा में है। तो आइये बताते हैं, इसके पीछे की वजह...

दुनियाभर में आ रही प्राकृतिक आपदाओं ने इस बात पर सोचने को विवश कर दिया है कि प्रकृति का न केवल नुकसान से बचाना होगा, बल्कि जो नुकसान हम पहुंचा चुके हैं, उसकी भी भरपाई करनी होगी। विश्व पर्यावरण दिवस की इस बार की थीम यही है। खास बात है कि भारत को बार-बार परमाणु हमले की धमकी देने वाला पाकिस्तान इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान है। हमारा यह पड़ोसी मुल्क इस पर कितना अमल करता है, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन क्या आप इसके लिए तैयार हैं। तो आइये बताते हैं कि इस दिशा में पहल के लिए क्या योजना बनाई गई है।

विश्व पर्यावरण दिवस/वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे हर साल 05 जून को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों में पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई जाए। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को 1972 में मनाया गया था। इसके बाद से हर साल पांच जून को वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे मनाया जाता है, जिसके तहत दुनियाभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है। हर साल एक नई थीम का चयन किया जाता है और लोगों से आग्रह किया जाता है कि वे उसके अनुरूप पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करें। इस बार की थीम 'Ecosystem Restoration' है, जिसका हिंदी में मतलब है- पारिस्थितिक तंत्र पुनर्बहाली। आसान शब्दों में कहा जाए तो इसका मतलब है कि पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना।


ऐसे कर सकते हैं मदद

पारिस्थितिक तंत्र की बहाली के लिए क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके पारिस्थितिक तंत्र को फिर से उसकी रिकवरी में सहायता करनी होगी। पारिस्थितिकी तंत्र को कई तरह से बहाल किया जा सकता है। पौधे लगाकर, नदियों को प्रदूषित होने से बचाकर, कटाव नियंत्रण, गैर-देशी प्रजातियों और खरपतवारों को हटाकर, देशी प्रजातियों का पुनरुत्पादन, वनों की कटाई को रोकना, भूमिगत जल का कम दोहन, लक्षित प्रजातियों और वनस्पति के लिए आवास व सीमा सुधार आदि करके हम पारिस्थितिक तंत्र की बहाली में मदद कर सकते हैं।


दस सालों तक होना है काम

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आज पृथ्वी का पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह से बिगड़ गया है। आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के 45% वन्यजीव और 12% पौधों की प्रजातियों में कमी आई है। वर्तमान में पृथ्वी की ऐसी दशा हो गई है, जहां न केवल पर्यावरण को नुकसान होने से बचाना है, बल्कि पूर्व में हो चुके नुकसान की भी भरपाई करनी है। इसे ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2021-30 को पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक' के रूप में घोषित किया है। इसका उद्देश्य एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना है, जहां इंसानी जिंदगियों समेत सभी प्रकार के प्राणी प्रकृति की छत्रछाया में सुरक्षित रह सकें।

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